पटना: जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों और नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग की है. उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि बिहार में लाखों लोग संविदा पर कार्यरत है, लेकिन उनकी सेवा शर्त नियमित कर्मचारियों के समान नहीं है. यह अमानवीय है. समान काम के लिए समान वेतन प्राकृतिक न्याय की मांग भी है.
पप्पू यादव ने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार दिलाने के अनेकों योजनाएं संचालित करने का दावा करती है, लेकिन युवाओं को रोजगार दिलाने में सरकार नाकाम रही है. उन्होंने 18 से 44 वर्ष तक के बेरोजगारों को भत्ता देने की मांग भी की. इसके साथ ही पूंजी की न्यूनतम और अधिकतम सिलींग की मांग भी की.
यादव ने कहा कि केंद्र सरकार एक देश, एक चुनाव की बात करती है. लेकिन देश में एक स्वास्थ्य और एक शिक्षा भी होनी चाहिए. कई आयोगों ने देश में समान शिक्षा की सिफारिश की है, लेकिन उस ओर किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया. देश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी विषमता व्याप्त है. गरीब इलाज को मोहताज है और अमीरों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की भीड़ लगी हुई है. उन्होंने कहा कि एक देश, एक चुनाव के साथ समान शिक्षा और समान स्वास्थ्य की भी बात की जानी चाहिए, तभी सामाजिक न्याय की अवधारणा साकार होगी.
सांसद ने कहा कि अब कई राज्यों से लेकर केंद्र सरकार तक एक ही पार्टी की सरकार है. वह अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए प्रोन्नति में आरक्षण का समर्थक रही है. सरकार को अब प्रोन्नति में आरक्षण तय कर देना चाहिए. निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. यादव ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत बनाये रखने के लिए सामाजिक सौहार्द जरूरी है. उन्होंने युवा आयोग बनाने की मांग की.
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