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जेटली के आश्वासन से असंतुष्ट आंध्रप्रदेश के सांसद

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय केंद्र द्वारा किये गये वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता तथा राज्य को राशि देने के लिए तौर-तरीके तैयार करने के आश्वासन से हंगामा कर रहे तेलगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस सदस्य संतुष्ट नहीं हुये. भाजपा की सहयोगी तेलगू देशम […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय केंद्र द्वारा किये गये वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता तथा राज्य को राशि देने के लिए तौर-तरीके तैयार करने के आश्वासन से हंगामा कर रहे तेलगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस सदस्य संतुष्ट नहीं हुये.

भाजपा की सहयोगी तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) तथा वाईएसआर कांग्रेस आंध्रप्रदेश को वित्तीय पैकेज एवं अन्य रियायत देने की मांग करे लेकर एक साथ दिखे. तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार से समयबद्ध तरीके से आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियत के प्रावधानों एवं अन्य मुद्दों का समाधान निकालने की मांग की. इससे पहले, जेटली ने संसद के दोनों सदनों में बयान दिया.

इस विषय पर तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून को पूरी तरह लागू करने की मांग कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि जिस वैकल्पिक व्यवस्था ने राज्य को धन प्रदान किया जा सकता है, उस बारे में उन्होंने सचिव (व्यय) से कहा है कि आंध्र प्रदेश के सचिव को तत्काल दिल्ली बुलायें और औपचारिकताओं को पूरा करें. उन्होंने कहा कि राज्य के लिये पहले पैकेज घोषित हो चुका है और राशि वही होगी. पूरा विश्वास रखें कि किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए तेलगु देशम पार्टी के थोटा नरसिम्हन ने कहा कि आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को लागू नहीं किया गया है जिसके कारण विभाजन की पीड़ा झेल रहे आंध्रप्रदेश की परेशानी और बढ़ गई है. राज्य में रेलवे जोन नहीं है जिसके कारण यात्रियों और माल ढुलाई में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश की राजधानी स्थापित करने के लिये 30 हजार करोड़ रुपये की जरुरत है लेकिन अब तक करीब ढाई हजार करोड़ रुपये ही मिले हैं.

राज्य के लिये विशेष आर्थिक पैकेज पर अमल नहीं हुआ. वाईएसआर कांग्रेस के पी वी मिथुन रेड्डी ने कहा कि यह दुख का विषय है कि केंद्र में नयी सरकार के आने के चार वर्ष बाद भी आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. आंध्रप्रदेश की अपनी राजधानी नहीं है, आधारभूत संरचना की कमी है और राज्य पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि पोलावरम परियोजना हमारे राज्य की जीवन रेखा है लेकिन इसे पूरा किये जाने की कोई रूपरेखा स्पष्ट नहीं है.

अगर राज्य की इसी प्रकार से उपेक्षा की गई तो राजग को भी कांग्रेस की तरह की जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा. रेड्डी ने कहा कि हम सदन में वित्त मंत्री के बयान से संतुष्ट नहीं है और सरकार इस बात को स्पष्ट करें कि आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम समेत अन्य विषयों को कब तक पूरा करेगी. इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश के मेरे मित्र पूरी तरह अवगत हैं कि मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं कि आंध्रप्रदेश पुनर्गठन कानून के हर हिस्से को लागू किया जा सके.’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज और राज्य पुनर्गठन कानून को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. लोकसभा में तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों ने आंध्रप्रदेश पुनर्गठन कानून को पूरी तरह से लागू करने, राज्य के लिए रेलवे जोन तथा अन्य मांगों को लेकर भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आंध्रप्रदेश आगे बढ़ रहा है और उनकी मांग प्रदेश के विकास को लेकर है. हम इन मांगों को लेकर संवेदनशील हैं. प्रधानमंत्री और हमारी सरकार आंध्रप्रदेश के विकास को लेकर संवेदनशील है और इस विषय पर ध्यान देंगे.

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