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वित्त सचिव ने दी सफाई-एलटीसीजी कर से नहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में आयी गिरावट से टूटा शेयर बाजार

नयी दिल्ली : शेयर बाजार में लगातार जारी गिरावट को लेकर वित्त सचिव हसमुख अधिया ने सोमवार को सफाई दी और कहा कि यह दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाने के कारण नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में आयी गिरावट के चलते है. अधिया ने कहा कि सरकार ने 10 प्रतिशत की रियायती दर से […]

नयी दिल्ली : शेयर बाजार में लगातार जारी गिरावट को लेकर वित्त सचिव हसमुख अधिया ने सोमवार को सफाई दी और कहा कि यह दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाने के कारण नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में आयी गिरावट के चलते है. अधिया ने कहा कि सरकार ने 10 प्रतिशत की रियायती दर से यह कर लागाया है.

इसके विपरीत असूचीबद्ध शेयरों और अचल संपत्तियों की बिक्री से होनेवाले पूंजीगत लाभ पर कर की दर 20 प्रतिशत है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) द्वारा बजट-बाद आयोजित एक बैठक में अधिया ने कहा, यह बड़ा दुर्भाग्य है कि हमारा यह निर्णय ऐसे गलत समय पर आया, जबकि वैश्विक बाजारों में गिरावट का दौर चल रहा है. दुनिया भर के शेयर बाजारों में परस्पर मजबूत संबंध है. पिछले सप्ताह सभी देशों के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांक 3.4 प्रतिशत तक नीचे आ गये. उन्होंने कहा, अगर पूरे विश्व के शेयर सूचकांक में 3.4 प्रतिशत की गिरावट आयी है, तो भारतीय बाजार पर इसका असर पड़ना स्वाभाविक है. भारत में गिरावट एलटीसीजी कर के कारण नहीं है.

निवेशकों की ओर से लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में भारी मुनाफावसूली से सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आयी है. 2018-19 के बजट में एक अप्रैल से एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगाया गया था. हालांकि, 31 जनवरी 2018 तक के सभी लाभों पर कोई कर नहीं लगेगा. उन्होंने कहा, हमने एक निर्धारित तिथि तक कर में छूट दी है. फिर किसी को परेशान होकर शेयर क्यों बेचने चाहिए, जबकि हमारे पास छूट है, तो फिर बेचने में जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए. अधिया ने कहा, ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे शेयरों को तुरंत बेचा जाये. इसलिए शेयरों की बिकवाली एलटीसीजी का असर नहीं है. अधिया ने कहा कि प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) से सरकार का आय केवल 9,000 करोड़ रुपये है.

उन्होंने कहा, इक्विटी बाजार में लघु अवधि पूंजीगत लेनदेन की संख्या अधिक है इसलिए सरकार की 9,000 करोड़ की आय का ज्यादातर हिस्सा लुघ अवधि के सौदों से आता है. वर्तमान में एक साल के भीतर शेयर बिक्री में हुए लाभ पर लघु अवधि पूंजीगत लाभ कर की दर 15 प्रतिशत है. अभी तक शेयरों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कर मुक्त रखा गया था. उल्लेखनीय है कि बजट 2018-19 में 14 साल बाद फिर से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर का प्रस्ताव किया गया है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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