पटना : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का देश के किसी कोने में होने वाला दौरा राजनीतिक चर्चाओं से अछूता नहीं रह पाता है. इसी क्रम में मोहन भागवत दस दिनों के बिहार दौरे पर आने वाले हैं, मोहन भागवत के आगमन को लेकर बिहार में राजनीतिक पारा गर्म होने की संभावना जतायी जा रही है. राजनीतिक गलियारों में कयासों का बाजार गर्म है कि मोहन भागवत एक खास राजनीतिक रणनीति की वजह से बिहार दौरे पर आ रहे हैं. कुछ नेताओं का कहना है कि यह लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी के पूर्व की कवायद है, वहीं दूसरी ओर कुछ नेता बिहार में आरएसएस कार्यकर्ताओं को गोलबंद कर आगामी चुनाव के लिए निर्देश देने के दौरे के रूप में देख रहे हैं.
मोहन भागवत पटना में आज यानी 5 फरवरी को आ रहे हैं, उसके बाद वह 06 फरवरी को वह मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम में भाग लेने जायेंगे. साथ ही 6 से 15 फरवरी तक वह बिहार के विभिन्न इलाकों की यात्रा पर रहेंगे. आरएसएस कार्यालय से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस दौरान मोहन भागवत किसान, गोपालक, कृषि सहित कई ग्रामीण विषयों पर संघ के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. उसके बाद वह 10 फरवरी को पटना में वापस आयेंगे और 11 फरवरी को संवर्धन कार्यक्रम में भाग लेंगे. पटना में वह 12 फरवरी को कई स्तर पर बैठकों में भाग लेंगे और उसके बाद 15 फरवरी को वह यहां से रवाना हो जायेंगे.
इससे पूर्व मोहन भागवत के दो दिवसीय बिहार दौरे को लेकर जिस तर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हमला बोला था, उसे देखकर यही लग रहा है कि बिहार में भागवत के आगमन से बिहार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो जायेगी. हाल में तेजस्वी यादव ने बीजेपी और आरएसएस पर भी निशाना साधा था और कहा था किभाजपा के लोग ये चाहते हैं कि हर हाल में 2018 में ही चुनाव हो जाये. लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे. तेजस्वी यादव ने कहा था कि हमलोग भाजपा रक्षा यज्ञ के साथ बिहार में उनके सफाये के अभियान की शुरुआत करेंगे. मोहन भागवत के दौरे पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा था कि वे फिर से बिहार में घूमने आने लगे हैं.भाजपा के लोगों ने अभी से ही हेलिकॉप्टर लाना शुरू कर दिया है, लेकिन राजद अपने पुराने अंदाज में टेंपू, ठेला, रिक्शा से चुनाव का प्रचार करेगा.
यह भी पढ़ें-
Remote Politics के जरिये लालू साध रहे हैं बिहार की सियासत, परिणाम के उलट-फेर की संभावना, जानें