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झारखंड : दर्द से कराहती कंचन को किया रिम्स रेफर, पर एंबुलेंस नहीं दिया, 6 घंटे इंतजार कर लौटना पड़ा
II राज वर्मा II सदर अस्पताल का हाल : नहीं था पानी, इसलिए नहीं हो सकी डिलिवरी सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था और लापरवाही की बानगी देखनी हो, तो राजधानी के 200 बेड वाले सदर अस्पताल चले आइये. यहां तीन दिन से पानी नहीं था, जिसकी वजह से प्रसव के लिए होनेवाले ऑपरेशन टाल दिये गये […]
II राज वर्मा II
सदर अस्पताल का हाल : नहीं था पानी, इसलिए नहीं हो सकी डिलिवरी
सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था और लापरवाही की बानगी देखनी हो, तो राजधानी के 200 बेड वाले सदर अस्पताल चले आइये. यहां तीन दिन से पानी नहीं था, जिसकी वजह से प्रसव के लिए होनेवाले ऑपरेशन टाल दिये गये थे. वहीं, ज्यादातर प्रसूताओं को रिम्स रेफर कर दिया गया. लेकिन, अस्पताल प्रशासन की लापरवाही देखिये कि जिन गर्भवती महिलाओं को रिम्स रेफर किया जा रहा था, उन्हें वहां तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं की गयी. हरमू की रहनेवाली कंचन देवी के साथ भी ऐसा ही हुआ.
रांची : कंचन देवी के प्रसव के लिए सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने ही तीन फरवरी का डेट दिया था. वह चार फरवरी यानी रविवार को सुबह 9:00 बजे अस्पताल पहुंची. उसके साथ उसकी मां भी थी. यहां पहुंचने पर पता चला कि अस्पताल में पानी नहीं है, इसलिए डिलिवरी नहीं हो सकती. उसे रिम्स रेफर कर दिया गया, लेकिन अस्पताल प्रशासन की तरफ से उसे एंबुलेंस मुहैया नहीं करायी गयी. जबकि अस्पताल परिसर में ही कई एंबुलेंस और सरकार द्वारा चलाया जा रहा 108 नंबर वाली एंबुलेंस भी खड़ी थी.
मजबूरन कंचन और उसकी मां दोपहर 3:00 बजे तक अस्पताल परिसर में ही पानी आने का इंतजार करती रहीं. जब दर्द बढ़ने लगा, तो कंचन ने अपनी मां से कहा कि वह उसे घर ले चले. वह घर में ही बच्चे को जन्म देगी. मां भी सरकारी व्यवस्था को कोसते हुए अपनी बेटी को लेकर अस्पताल के बाहर सड़क पर आ गयी. यहां करीब आधे घंटे तक दोनों ऑटो का इंतजार करती रहीं, लेकिन ऑटो नहीं मिला. बाद में आसपास मौजूद लोगों ने उसकी हालत पर तरस खाते हुए ऑटो का इंतजाम कर घर भेजा.
ये हाल है
शुक्रवार शाम से सदर अस्पताल में शुरू हुई थी पानी की समस्या बंद थी सिजेरियन डिलिवरी
इन तीन दिनों में 35 गर्भवती महिलाओं को रिम्स रेफर किया सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने
अस्पताल की ओर से किसी को मुहैया नहीं करायी गयी एंबुलेंस
अस्पताल में रविवार को पानी की आपूर्ति हो गयी. सिजेरियन का कार्य भी शुरू हो गया. रविवार को चार सिजेरियन किया गया. सोमवार से सभी सेवाएं सुचारु रूप से संचालित होने लगेंगी.
डॉ विभा, प्रभारी उपाधीक्षक,
सदर अस्पताल
कांके की संजू को भी रिम्स रेफर किया
कांके निवासी संजू देवी भी डिलिवरी के लिए अकेले ही सदर अस्पताल पहुंची थी. इन्हें भी रिम्स रेफर किया गया, लेकिन किसी तरह की सुविधा अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं मिलने पर उन्होंने अपने पति को फोनकर स्कूटी मंगाया और रिम्स गयीं.
देर शाम बहाल हुई जलापूर्ति
सदर अस्पताल में 48 घंटे बाद रविवार शाम को जलापूर्ति शुरू हो गयी. अस्पताल के महिला वार्ड, ऑपरेशन थियेटर, सिजेरियन वार्ड में पानी आने लगा. हालांकि, सभी फ्लोर पर लगे वाटर प्यूरिफायर में रविवार होने के कारण पानी की सप्लाई नहीं की गयी थी. उधर, रविवार सुबह से शाम तक आधा दर्जन से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को रिम्स के लिए रेफर किया गया. वहीं, कई महिलाएं इस आस में घर लौट गयीं कि सोमवार को व्यवस्था दुरुस्त हो जायेगी. उम्मीद जतायी जा रही है कि तीन दिनों से बंद सिजेरियन सोमवार को शुरू हो जायेगा. गाैरतलब है कि शुक्रवार शाम से रविवार शाम के बीच यहां से 35 गर्भवती महिलाओं को रिम्स रेफर किया जा चुका है.
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