नयी दिल्ली : इस समय न नोटबंदी की मार है आैर न ही बैंकों के एटीएम्स में नोटों की कमी है, इसके बावजूद लोग रिजर्व बैंक में लंबी कतारों में खड़ें हैं. इसका कारण जानेंगे, तो आप भी चौंक जायेंगे आैर यह सोचने के लिए मजबूर हो जायेंगे कि अरे, एेसा भी होता है कहीं! जी हां, यदि आप सोच रहे हैं, तो बिल्कुल सही सोच रहे हैं. यह मौसम ही एेसा है कि लोगों को नये आैर करारे छोटे-बड़े नोटों की दरकरार है, क्योंकि नये-नये करारे नोट उनकी शान में चार चांद लगाते हैं. ये नोट हवा में उड़ते हैं या फिर उड़ाये जाते हैं.
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जी हां, इस समय शादी का मौसम शुरू हो गया है. इस मौमस में दूल्हे का तिलक हो या बारातियों का स्वागत, नये नोट की मांग बढ़ जाती है और इसी के साथ बाजार में नोट की नयी गड्डियों के लिए ऊंचे दाम की बोली लगने लगती है. इन दिनों राजधानी में कई लोगों को शिकायत है कि उन्हें उनके बैंकों से खास कर 10 और 20 रुपये के नोटों की नयी गड्डियां नहीं मिल रही हैं. यही कारण है कि नयी दिल्ली के संसद मार्ग पर भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालय के बाहर इन दिनों सुबह से ही लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है और समय के साथ नोटों के लिए जमा होने वालों की कतार लंबी होती जाती है.
घंटों कतार में लगने बाद बस एक गड्डी, देना पड़ रहा मोटा कमीशन
कतार में लगे एक व्यक्ति ने कहा कि घंटों लाइन में लगने के बाद भी उन्हें किसी तरह केवल एक गड्डी मिलेगी. जानकार सूत्रों के अनुसार, इन दिनों में धंधेबाज नये करेंसी नोटों की गड्डी की कालाबाजारी में लग गये हैं. एक सूत्र ने कहा कि इस समय दिल्ली में सबसे महंगी 10 रुपये के नोट की गड्डी है. इसकी 1,000 रुपये की एक गड्डी पर ‘धंधेबाजों को 400 रुपये तक कमीशन देना पड़ रहा है. एक साथ कई गड्डियां लेने पर भी यह 1,350 रुपये से कम में नहीं मिल रही.
बाजार में नये नोटों की है मारामारी
रिजर्व बैंक से मायूस लोगों को मजबूरी में भारी कमीशन देकर नये नोट खरीदने पड़ रहे हैं. नये नोट का लेन-देन करने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि बाजार में बहुत मारा-मारी है. बात ग्राहक के पटने की है. किसी से 10 रुपये की गड्डी के लिए 400 रुपये तो किसी से 350 रुपये लेकर गड्डियां दे रहे हैं. 10 रुपये की गड्डी पर इतना कमीशन होने की वजह उसने बतायी कि हम भी जहां से नोट खरीद कर ला रहे हैं, वहां हमें भी 10 रुपये की गड्डी पर 320 रुपये कमीशन देना पड़ रहा है. ऐसे में कम से कम 350 रुपये देने पर हमारे पास 30 रुपये ही बच रहे हैं.
‘साढ़े तीन की एक, साढ़े तीन की एक’ की लग रही बोली
ऐसे ही एक और शख्स ने बताया कि गड्डी का रेट एक ही है, चाहे कितनी भी गड्डियां लेनी हो. 10 रुपये पर 350 रुपये और 100 रुपये पर 150 रुपये का रेट चल रहा है. 20 और 50 रुपये की गड्डी की भी बहुत मारा-मारी है और वह आसानी से नहीं मिल रही. रिजर्व बैंक के बाहर नए नोट लेने की लाइन में लगे सुरेंद्र ने कहा कि दो घंटे से लाइन में लगे हैं. उसके बाद नंबर आ रहा है. रिजर्व बैंक एक व्यक्ति को केवल एक ही गड्डी दे रहा है.
गड्डी का दर्शन नहीं, लेने वाले कर्इ
रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने इस बारे में संपर्क किये जाने पर कहा कि नयी गड्डी काउंटर से ही दी जाती हैं. एक बार में एक व्यक्ति को केवल एक गड्डी दी जा रही है. संसद मार्ग पर ही एक सार्वजनिक बैंक के प्रबंधक ने कहा कि हमारे पास कई दिनों से नये नोटों की गड्डी नहीं आ रही है.
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