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कोलकाता : गांव, किसान के साथ कॉर्पोरेट क्षेत्र को मिलेगा प्रोत्साहन : सीआइआइ

कोलकाता : केंद्रीय बजट आने के बाद ही गुरुवार को सीआइआइ के इस्टर्न रिजन मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सीआइआइ के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार के आम बजट को सराहनीय करार देते हुए कहा कि यह जनहित व ग्रामोन्नमुखी बजट है. प्रतिनिधियों ने कहा कि बजट भले ही उद्योग जगत के उम्मीदों के मुताबिक […]

कोलकाता : केंद्रीय बजट आने के बाद ही गुरुवार को सीआइआइ के इस्टर्न रिजन मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सीआइआइ के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार के आम बजट को सराहनीय करार देते हुए कहा कि यह जनहित व ग्रामोन्नमुखी बजट है. प्रतिनिधियों ने कहा कि बजट भले ही उद्योग जगत के उम्मीदों के मुताबिक खरा नहीं उतरा हो लेकिन विकास और आम जनता के लिए यह बजट सराहनीय है. सब ने कृषि, किसान, एमएमसएमई, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिनियर सिटिजन, मत्स्य पालन, पशु पालन, इंफ्रास्ट्रक्चर समेत सभी क्षेत्रों के विकास पर बल देने पर सरकार के इस बजट की सराहना की.

सीआइआइ के प्रतिनिधियों ने मिली जुली प्रतिक्रियाएं दी.

आम आदमी और कॉर्पोरेट दोनों का रखा गया ध्यान : जगी मंगत पांडा : सीआइआइ ईस्टर्न रिजन की डेपुटी चेयरपर्सन जगी मंगत पांडा ने कहा कि हर बजट सभी इंसान की उम्मीदों और इच्छाओं के मुताबिक नहीं होता है लेकिन सरकार ने उम्मीद के मुताबिक इस बजट में आम आदमी के साथ-साथ कॉर्पोरेट दोनों का ही ध्यान रखा. इसे बैलेंस बजट कह सकते हैं. एमएसएमई सेक्टर पर भी बेहतर ध्यान दिया गया. लोगों को ध्यान में रखते हुए यह बजट अच्छा है. ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बजट में काफी बल दिया गया है. रेल-मेट्रो, हाईवे, पोर्ट-एयरपोर्ट, पावर ग्रिड-गैस ग्रिड, भारतमाला-सागरमाला, डिजिटल इंडिया से जुड़े सभी क्षेत्रों पर विकासमुखी ध्यान दिया गया है. इस तरह से आम आदमी के साथ कॉर्पोरेट पर भी बल दिया गया है.
समाज कल्याण मूलक बजट : डी. चटर्जी : सीआइआइ के पूर्व चेयरमैन डी. चटर्जी ने कहा कि यह समाज कल्याण मूलक बजट है. इस बजट में केन्द्र सरकार ने किसान और कृषि दोनों के विकास पर अधिक बल दिया है. ग्राम विकास के लिए, रोजगार सृजन, कृषि के लिए शार्ट टर्म और लॉग टर्म दोनों ही तरह से बेहतर बजट है. स्वास्थ्य और शिक्षा को भी बढ़ाने पर जोर दिया गया है. 24 नये मेडिकल कॉलेज, पिछले साल भी कॉर्पोरेट सेक्टर ने उम्मीद किया था, लेकिन इस बार कॉर्पोरेट सेक्टर में ज्यादा कुछ नहीं, लेकिन इस सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है. इस तरह से कुल मिलाकर बेहतर बजट हुआ है.
शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सभी पर फोकस : जेपी चौधरी : टीटागढ़ वैगन लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष व कार्यकारी चेयरमैन जेपी चौधरी ने कहा कि यह बजट काफी अच्छा है. खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि समेत आम जन के हित पर ध्यान दिया गया है. स्वास्थ्य बीमा के 50 हजार रुपये तक के प्रीमियम पर इनकम टैक्स से छूट, गंभीर बीमारियों के इलाज पर एक लाख रुपये तक के खर्च पर इनकम टैक्स से राहत, इस बजट में सीनियर सिटिजनों की अनेक चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कई फैसले लिये गये हैं. एमएसएमई को रियायत दी गयी है. दस में सात नंबर दिया जा सकता है.
गांव के विकास से ही होगा देश का विकास : संजय बुधिया : सीआइआइ ईस्टर्न रिजन के पूर्व चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और इसलिए कहा गया है कि कृषि के विकास से ही देश का विकास होगा. केंद्रीय बजट में कृषि समेत किसानों और आम जनता के हित पर ध्यान दिया गया है. यह सराहनीय बजट है. रोजगार में बढ़ावा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने की पहल की गयी है. सरकार के बजट दावे से बहुत जल्द एमएसएमई सेक्टर को भी जल्द ही बढ़ावा मिलेगा.
इस बजट में सरकार ने एक साहसपूर्ण कदम उठाते हुए सभी एमएसएमई के टैक्स रेट में 5 प्रतिशत की कटौती कर दी है. यानि अब इन्हें 30 प्रतिशत की जगह 25 प्रतिशत का ही टैक्स देना पड़ेगा. लंबे अरसे से हमारे देश में सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योग यानि एमएसएमई को बड़े-बड़े उद्योगों से भी ज्यादा दर पर टैक्स देना पड़ता रहा है.
मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा : अमित सरावगी : अनमोल फीड्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डॉयरेक्टर व टास्क फोर्स अॉन एग्री एंड फुड प्रोसेसिंग के को-चेयरमैन अमित सरावगी ने कहा कि बजट में गांव के लोगों के साथ कई छोटे उद्योगों पर भी बारीकी से ध्यान दिया गया है. मत्स्य पालन से लेकर पशु पालन को बढ़ावा दिया गया है. बजट के ऐलान में वित्त मंत्री ने कृषि, रोजगार और गांव पर पूरा ध्यान दिया. कृषि सेक्टर के लिए पुशपालन और मछली पालन के लिए फंड बनाएं जाएंगे. इसके लिए किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा.
किसानों के चेहरे पर आएगी खुशी : अलोक मुखर्जी : सीआइआइ के पूर्व चेयरमैन अलोक मुखर्जी ने कहा कि पिछले साल किसान खुदकुशी कर रहे थे लेकिन अब किसानों की स्थिति सुधरेगी. इस बजट में किसान और कृषि पर ही अधिक जोर दिया गया है. साथ ही एमएसएमई में 3795 करोड़ खर्च के प्रावधान बताये गये हैं. रोजगार का भी सृजन होगा. आईटी सेक्टर पर भी ध्यान दिया गया है. शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रस्ट्रक्चर सभी पर जोर दिया गया है. इसे कुल मिलाकर संतुलित बजट भी कहा जा सकता है.
इस मौके पर सीआइआइ के अन्य प्रतिनिधियों में तपन मित्रा, राजन वासवानी, विरेश ओबराय, रवि पोद्दार, दीपंकर चक्रवर्ती, फैमिलि बिजनेस सब कमिटी के चेयरमैन व बीटीएल ईपीसी लिमिटेड के डॉयरेक्टर रवि तोदी, सीआइआइ के ईस्टर्न रिजन के इकोनामिक अफेयर एंड टैक्सेशन सब कमिटी के चेयरमैन अभिजीत बद्योपाध्याय, सीआइआइ ईस्टर्न रिजन के इंटरनेशनल ट्रेड सब कमिटी के (ऑपरेशन) प्रेसिडेंट, आमरी ग्रुप के रूपक बरुआ, सीआइआइ के को-चेयरमैन के. स्वामीनाथन समेत अन्य मौजूद थे. सबने बजट को मिला जुलाकर सराहनीय बताया.

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