नयी दिल्ली/रांची : केंद्र सरकार की आेर से वित्त मंत्री अरुण जेटली की आेर से जहां राजनेताआें आैर आम आदमी की आेर से सोशल मीडिया आैर अन्य संचार माध्यमों के जरिये प्रतिक्रिया जाहिर की जा रही है, वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी अभी तक न्यू इंडिया के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे सके हैं. हालांकि, सरकार की आेर से पेश बजट पर प्रतिक्रिया देने में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री आैर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव ने तेजी दिखायी. वहीं, अभी हाल ही में पार्टी की कमान संभालने के बाद आैर विपक्षी दलों में सबसे बड़ी पार्टी का मुखिया होने के नाते राहुल गांधी प्रतिक्रिया देने के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं.
इसे भी पढ़ेंः राहुल गांधी का फोटो वायरल, जानें आखिर तसवीर में क्या है खास…
हालांकि, पूर्व वित्त मंत्री होने के नाते आैर कांग्रेस की आेर से एक प्रवक्ता के तौर पर पी चिदंबरम ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. अपनी प्रतिक्रिया में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि 2018-19 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली राजकोषीय मजबूती की परीक्षा में फेल हो गये हैं और इसके गंभीर परिणाम सामने आयेंगे. उन्होंने कहा कि 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2 फीसदी पर रखा गया था, लेकिन इसके 3.5 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है.
वहीं, बजट पर प्रतिक्रिया जाहिर करने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पीछे छोड़ते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव ने तेजी दिखायी. माइक्रो ब्लाॅगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर उन्होंने कहा कि कि मोदी सरकार ने धरातल पर कुछ नहीं किया और ना ही कर रही. सरकार सिर्फ कागजों पर बातों के पकौड़े और जुमलों के बताशे उतार रही है. तेजस्वी यादव यही नहीं रुके हैं और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. तेजस्वी ने एक के बाद एक कई ट्वीट बजट को लेकर किये हैं.
गौरतलब है कि सरकार की आेर से हर साल संसद में पेश किया जाने वाला बजट किसी उत्सव अथवा त्योहार या फिर बड़ा आयोजन से कम नहीं है. इससे देश की आम जनजीवन का सरोकार सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. बजट से ही देश की जनता के जीवन की दिनचर्या भी तय होती है. इसका सबसे बड़ा असर बाजार, कारोबार, नौकरी-पेशा, खेती-बाड़ी पर पड़ता है. एेसे समय में आम तौर पर विपक्ष के नेता सरकार की कमियों को उठाकर जनसरोकारी पहलुआें को उठाने का भरसक प्रयास करते हैं, मगर देश में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के तौर पर मोर्चा संभालने वाले दल कांग्रेस के मुखिया राहुल गांधी ही चुप्पी साधे हुए हैं. यह सबसे बड़ा सोचनीय विषय है.