पटना : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में मोदी सरकार का लगातार पांचवां बजट पेश किया. इस बजट में मोदी सरकार द्वारा कई लोक लुभावने विषयों को समेटने का प्रयास किया गया है. बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटलीने कमोबेश हर सेक्टर को छूने का प्रयास किया है. बजट में स्वास्थ्य सुरक्षा, कृषि, आवास और रोजगार के सेक्टर पर इस बार ध्यान देने का प्रयास किया गया है. वहींलोकसभा में पेश किये गये आम बजट को लेकर बिहार में पूरे दिन गहमागहमी बनी रही. सुबह से ही लोग टीवी से चिपके रहे. बजट को लेकर चौक-चौराहों से लेकर खेत-खलिहानों तक लोग चर्चा करते रहे. वहीं बजट प्रस्तुत किये जाने के बाद सत्ता पक्ष ने जहां इसकी सराहना की. वहीं विपक्षी पार्टियों ने इसे निराशाजनक बताया.
बिहार के किसानों को फायदा
बजट में कृषि के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणा की गयी है. कृषि के क्षेत्र में लागत मूल्य का 50 प्रतिशत यानी डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की घोषणा की गयी है और इसे इसी वर्ष से लागू किया जायेगा. बाद में अन्य फसलों के लिए भी लागू होगा जो बड़ी बात है. इससे बिहार के किसानों को फायदा मिलेगा. मत्स्य और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ की व्यवस्था की गयी है, इसकालाभभी बिहार को मिलेगा. मालूम हो कि बिहार में आज भी अधिकांश लोग कृषि के क्षेत्र से जुड़े है और उनकी जीवन इससे होने वाली आमदनी पर निर्भर रहता है. उम्मीद जतायी जा रही है कि बजट में आज की गयी घोषणाओं से उनको मदद मिलेगी.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गयी घोषणाएं बड़ा प्रयास
बजट में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर कई घोषणाएं की गयी है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में 10 करोड़ परिवार यानी 50 करोड़ लोगों को चिकित्सा के लिए 5 लाख रुपये की मदद की घोषणा भी एक बड़ा प्रयास है. इससे बिहार जैसे राज्य के गरीब परिवार के लिए बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट की सबसे खास बात यह रही कि इसमें सबसे बड़ी घोषणा स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गयी जिससेपचास करोड़ गरीब लोगों को पांच लाख तक की मेडिकल सुविधा मिल सकेगी. यह एक बहुत बड़ा फैसला है.
गरीबों को गैस कनेक्शन देने की घोषणा
बजट में आठ करोड़ गरीब लोगों को गैस कनेक्शन देने की भी घोषणा की गयी है. इसकालाभ बिहार के गरीबपरिवारों को भी मिलेगा. उज्ज्वला योजना देश की गरीब महिलाओं को न सिर्फ धुएं से मुक्ति दिला रही है, बल्कि उनके सशक्तीकरण का भी बड़ा माध्यम बनी है. इस योजना का विस्तार करते हुए अब इसके लक्ष्य को पांच करोड़ परिवारों से बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया गया है. इस योजना का लाभ बड़े स्तर परबिहार के दलित-पिछड़ों कोभी मिल रहा है.
आम लोगों के जीवनस्तर में सुधारकी उम्मीद
पांच करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में पांच लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट देकर पांच करोड़ ग्रामीणों को जोड़ने से क्रांति आयेगी. वर्ष 2022 तक हर सिर को छत देने के लिए सरकार द्वारा 51 लाख नये घरों का निर्माण, चार करोड़ गरीबों को बिजली कनेक्शन, दो करोड़ शौचालयों का निर्माण जैसी घोषणाओं का लाभ बिहार में समाज के दलित और गरीबी रेखा के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति कोभी मिलेगा, जिससे विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
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