मानवीय और मां, माटी, मानुष का बजट
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कोलकाता : गरीब-मध्यम वर्ग व सामाजिक सुरक्षा का बजट : ममता
मानवीय और मां, माटी, मानुष का बजट उद्योग के साथ कृषि के विकास का बजट कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वित्त मंत्री अमित मित्रा द्वारा पेश राज्य बजट को गरीब, मध्यम वर्ग के लोगों व सामाजिक सुरक्षा वाला मानवीय बजट करार दिया. बजट के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सुश्री बनर्जी ने साफ कहा […]
उद्योग के साथ कृषि के विकास का बजट
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वित्त मंत्री अमित मित्रा द्वारा पेश राज्य बजट को गरीब, मध्यम वर्ग के लोगों व सामाजिक सुरक्षा वाला मानवीय बजट करार दिया. बजट के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सुश्री बनर्जी ने साफ कहा कि यह बहुत ही मानवीय बजट है. इस बजट में जितनी सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं शुरू की गयी हैं,
उस तरह की योजनाएं और कहीं नहीं है. उन्होंने कहा कि बजट में कृषि, उद्योग, रोजगार सृजन और सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा पर जोर देकर मां, माटी, मानुष का बजट पेश किया गया है. बजट के योजनागत मद में 34.26 फीसदी का इजाफा किया गया है.
इसके पहले ही मूलभूत सुविधा के विकास के लिए 12 हजार करोड़ रुपये फंड आवंटित किये गये हैं. अभी तक कुल 90 लाख लोगों को रोजगार मिला. जीएसटी एवं नोटबंदी के धक्के के बावजूद सरकार ने निगेटिव नहीं, बल्कि पोजिटव विचारधारा से काम किया है.
गरीब-मध्यम वर्ग…
आर्थिक सुधार के मद्देनजर विभागों की संख्या 90 से घटा कर 45 की गयी. 2011 में राजस्व संग्रह 2018 में बढ़ कर दुगना हो गया है, जबकि प्रत्येक वर्ष 48000 करोड़ रुपये का ऋण भुगतान करना होता है. इस बाध्यता के बावजूद 90 फीसदी लोगों को दो रुपये किलो चावल व गेहूं दिया जा रहा है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस में बंगाल नंबर वन है. स्टांप ड्यूटी ग्रामीण इलाकों में छह फीसदी से घटा कर पांच फीसदी व शहरी इलाकों में सात फीसदी से घटा कर छह फीसदी कर दिया गया है.
इससे मकान खरीदने वाले लोगों व हाउसिंग सेक्टर को लाभ मिलेगा. चाय बागानों व कृषि के क्षेत्र के लिए कदम उठाये गये हैं. उन्होंने कहा कि बजट में किसानों का भी ध्यान रखा गया है. अधिक फसल होने पर किसान कम कीमत पर आलू या अन्य उत्पाद बेचने के लिए बाध्य होते हैं. उसके लिए 100 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है. कन्याश्री के साथ-साथ रूपश्री परियोजना शुरू की गयी है.
कन्याश्री के साथ-साथ रूपश्री पर राज्य को गर्व होगा. कन्याश्री में पठन-पाठन के लिए 25 हजार रुपये मिलते थे और रूपश्री में भी 18 वर्ष की उम्र के बाद लड़कियों के विवाह के लिए 25 हजार रुपये दिये जायेंगे. विकलांगों के भत्ते बढ़ाये गये हैं. उन्होंने कहा कि ग्लोबल बिजनेस समिट में उद्योग पर जोर दिया गया था तो अब सरकार कृषि पर जोर दे रही है. कृषि के लिए खरीदी गयी जमीन में म्यूटेशन फीस नहीं लगेगा. सरकार ने पहले ही कृषि जमीन पर खजाना माफ कर दिया था. राज्य में लगभग 85 फीसदी लोग गांव में रहते हैं.
समाज
लड़कियों की शादी के लिए एकमुश्त 25 हजार
गरीब लड़कियों की शादी के लिए एकमुश्त 25 हजार रुपये देने का प्रस्ताव किया गया है. इसका नाम रूपाश्री योजना रखा गया है. सलाना 1.5 लाख रुपये तक की आमदनी वाले परिवार की लड़कियों की शादी के लिए एकमुश्त शादी के समय 25 हजार रुपये दिये जायेंगे.
इस योजना पर 1500 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. छह लाख परिवारों को रुपाश्री योजना से जोड़ा जा रहा है. इसी प्रकार, राज्य सरकार ने कन्याश्री योजना के तहत भी छात्राओं को दी जानेवाली राशि को 750 रुपये से बढ़ा कर एक हजार रुपये करने की घोषणा की है.
चाय बागानों से नहीं लिया जायेगा शुल्क
चाय बागानों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा. वर्ष 2018-19 व वर्ष 2019-20 के लिए कृषि आय कर नहीं लेने का प्रस्ताव किया गया है. इसके साथ ही वर्ष 2018-19 के दौरान चाय बागानों से लिये जानेवाले एजुकेशन सेस व ग्रामीण रोजगार शुल्क नहीं लिया जायेगा.
कृषि
कृषि जमीन के िलए म्यूटेशन फीस नहीं
कृषि के लिये जमीन खरीदने पर म्यूटेशन फीस नहीं लगेगी. किसानों को उनकी उपज की सही कीमत प्रदान करने के लिए 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड आवंटित किया गया है. वरिष्ठ किसानों को प्रति माह 750 रुपये की दी जा रही पेंशन की राशि को बढ़ा कर एक हजार रुपये कर दिया गया है.
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