बॉस्टन: भारत मधुमेह और उच्च रक्तचाप की काफी उच्च दरों से जूझ रहा है तथा देश में 13 लाख से अधिक लोग इन बड़ी जानलेवा बीमारियों की चपेट में हैं. राष्ट्रीय स्तर के एक पहले अध्ययन में यह बात कही गयी है. इस अध्ययन से जुड़े शोधकर्ताओं ने कहा कि देश के सभी भौगोलिक क्षेत्रों एवं सामाजिक-जनसांख्यिकी समूहों में मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दरें अधेड़ उम्र के लोगों एवं वृद्धों में अधिक हैं.
चिंता में डालने वाली बात
हार्वड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं की अगुवाई में हुए इस अध्ययन में नवयुवकों में भी उच्च रक्तचाप की ऊंची दर पायी गयी. इस अध्ययन के मुख्य लेखक पास्कल गेल्डसेत्जर ने जामा इंटर्नल मेडिसिन जर्नल में कहा, ‘‘मधुमेह और उच्च रक्तचाप की भारत जैसे बड़े देश में क्या स्थिति है, इसे समझना इन बीमारियों के रोकथाम, जांच और उपचार सेवाओं की लिहाज से अत्यावश्यक है.’ शोधकर्ताओं ने कहा कि विश्व की जनसंख्या का छठा हिस्सा भारत में रहता है और वहां महामारी विज्ञान प्रवृति बदलाव से गुजर रहा है. गैर संक्रामक बीमारियों की दरें हाल के दशकों में बढ़ गयी हैं तथा आगे भी बढ़ ही सकती हैं क्योंकि भारत में अधिक उम्र के लोगों की संख्या बढ़ रही है और शहरीकरण भी बढ़ रहा है.
हर क्षेत्र और सामाजिक जनसांख्यिक क्षेत्रों में फैली है बीमारी
शोधकर्ताओं ने यह जानना चाहा था कि भारत में मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की राज्यों, ग्रामीण बनाम शहरी क्षेत्रों, सामाजिक जनसांख्यिकी लक्षणों के हिसाब से क्या स्थिति है. उन्होंने 2012-2014 के दौरान 1,320,555 बालिगों के आंकड़े इकट्ठे किये थे. अध्ययन से पता चला कि ये दोनों बीमारिया सभी भौगोलिक क्षेत्रों एवं सामाजिक जनसांख्यिक क्षेत्रों में हैं.