पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज बिहार कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में सरकार ने कई योजनाओं को स्वीकृति दी, वहीं कई कार्यों पर अपनी सहमति प्रदान करते हुए, उसपर मुहर लगायी. कैबिनेट में कुल 19 प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी. जिसमें सबसे बड़ी बात रही, गत कई वर्षों से गायब चल रहे सरकारी चिकित्सकों को बर्खास्त करने का मामला महत्वपूर्ण रहा. जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिये गये एक प्रस्ताव के अनुसार कैबिनेट ने चिकित्सा पदाधिकारी पुष्पा शाही, चिकित्सक कृष्ण मुरारी पांडेय, चिकित्सक बालमुकुंद लाल और चिकित्सक जैनेंद्र कुमार को उनकी सेवा से बर्खास्त कर दिया. कैबिनेट में इस अलावा और कई एजेंडों पर मुहर लगी.
जानकारी के मुताबिक बैठक में भागलपुर में स्थिति केंद्रीय कारा शहीद जुब्बा सहनी में अस्थायी रूप से नियुक्त बीस कक्षपालों को स्थायी रूप से नियुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया. साथ ही महादलित विकास मिशन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य स्कीम से इस संस्था को अनुदान के रूप में एक अरब पांच करोड़ रुपये देने की बात को स्वीकृति प्रदान की गयी और नये सामुदायिक भवन के निर्माण और कार्ययोजन एवं विकास विभाग के कार्य को चालू रखने की स्वीकृति का प्रस्ताव भी पारित किया गया.
कैबिनेट की बैठक में धान खरीद के लिए पच्चीस सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया और जिलों के अलावा पैक्स में यह राशि भेजने की बात कही गयी, ताकि किसानों को अपना धान बेचने में पैसों की किल्लत का सामना नहीं करना पड़े. सरकार ने फुलवारी शरीफ की जेल को तोड़कर एक नये जेल के निर्माण को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की. कैबिनेट में सबसे बड़ा फैसला डॉक्टरों की बर्खास्तगी का रहा. इसके अलावा कई और भी फैसले लिए गये.
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