नयी दिल्ली : दिल्ली हार्इकोर्ट ने आॅफिस आॅफ प्रोफिट मामले में अयोग करार दिये गये 20 विधायकों के मामलों को डिविजन बेंच के पास भेज दिया है. इन विधायकों ने अपनी सदस्यता रद्द किये जाने को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दिये अपने उस अंतरिम आदेश को भी बरकरार रखा है, जिसमें याचिका की अगली सुनवाई तक उप चुनावों का ऐलान न करने को कहा था.
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पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में उप चुनावों के ऐलान पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी थी. इस मामले की सोमवार को सुनवाई थी. अंतरिम आदेश को बरकरार रखने का मतलब है कि अब फिर अगली सुनवाई तक चुनाव आयोग उप चुनाव का ऐलान नहीं कर सकता है. इसके अलावा, हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को 6 फरवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. हाई कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने से संबंधित सभी रिकॉर्ड पेश करने का भी आदेश दिया है.
पिछले हफ्ते आपक के विधायकों ने अपनी सदस्यता रद्द किये जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. दरअसल, 19 जनवरी को चुनाव आयोग ने संसदीय सचिव को लाभ का पद ठहराते हुए राष्ट्रपति से आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी. उसी दिन आप के कुछ विधायकों ने चुनाव आयोग की सिफारिश के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था.
21 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की सिफारिश को मंजूर करते हुए आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी. बाद में आप के विधायकों ने हाईकोर्ट में दायर की गयी अपनी पहली याचिका को वापस लेकर नये सिरे से याचिका डाली और अपनी सदस्यता रद्द किये जाने को चुनौती दी.
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाले अविंद केजरीवाल ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था. उनमें से एक विधायक जरनैल सिंह भी थे, जिन्होंने बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.