पटना : बिहार में इन दिनों जदयू और राजद नेताओं के बीच शीत युद्ध जारी है. एक ओर जहां राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को लेकर बयान पर बयान दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनका जवाब जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह दे रहे हैं. इसी क्रम में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बक्सर जिले के नंदन गांव में हुए घटना का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जातिवादी हैं और इसी कारण बक्सर के नंदन गांव की घटना में पुलिस वोटर लिस्ट में जाति देखकर निर्दोष और दलितों को जबरन नामजद अभियुक्त बना रही है. तेजस्वी यादव ने बकायदा नाम का हवाला देते हुए मीडिया को बताया है कि नीतीश के कहने पर अनुसूचित जाति के चार लोग वीरेंद्र पासवान, विनय राम, इंद्रजीत राम और लूटन राम, जो विदेशों में नौकरी करते हैं, उन्हें भी नंदन गांव की घटना में शामिल किया गया है.
तेजस्वी ने मीडिया के सामने यह भी बात रखा कि विजय राम नाम का वह व्यक्ति, जो 2015 में ही स्वर्ग सिधार चुका है, उसे भी इस घटना में शामिल बताया गया है. वहीं, तेजस्वी के इन आरोपों के सामने आने के बाद जदयू नेता और विधान पार्षद संजय सिंह ने ट्वीट कर तेजस्वी का जवाब दिया है और कहा है कि बिहार के सबसे बड़े जातिवादी नेता राजद सुप्रीमो लालू यादव हैं. उन्होंने कहा कि जातिवाद और लालू का तो रिश्ता चोली दामन का रहा है और लालू की पूरी राजनीति जाति पर अाधारित रही है. संजय सिंह ने उसी का हिस्सा तेजस्वी को भी करार दिया. संजय सिंह ने कहा कि लालू राबड़ी के शासनकाल में किस तरह बेकसूरों पर पुलिसिया जुल्म हो रहा था, यह सभी को याद है.
संजय सिंह ने ट्वीट कर यह भी कहा कि तेजस्वी यादव को अपने माता-पिता का शासनकाल नहीं भूलना चाहिए, जिसमें दर्जनों नरसंहार और हत्या के अलावा लूट की घटनाएं हुई. इतना ही नहीं उस दौरान, जो भी हत्या हुई, वह जातीय हत्या थी. तेजस्वी पर निशाना साधते हुए संजय सिंह ने कहा कि लालू पुत्र को अपनी न्याय यात्रा पर ध्यान देना चाहिए, जो वह फरवरी में शुरू करने वाले हैं. संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी को बताना चाहिए कि वह 28 साल की उम्र में तीस से अधिक संपत्ति के मालिक किस तरह बन गये और उनके पिता लालू प्रसाद आखिर किस वजह से जेल की सजा काट रहे हैं ?
यह भी पढ़ें-
RJD नेता ने किया NDA में टूट का दावा, तेजस्वी भी उतरे मैदान में, राजनीतिक घमसान तेज