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हल्का पेट दर्द व धड़कन का तेज होना, कहीं मानसिक बीमारी का लक्षण तो नहीं
अत्यधिक तनाव के कारण लोग हो रहे सिमोटोफॉर्म डिसऑर्डर नामक बीमारी के शिकार, महिलाएं सबसे अधिक हो रही हैं ग्रसित पेट में हल्का-हल्का दर्द बना हुआ है. बार-बार डॉक्टर से जांच कराने के बाद भी बीमारी का पता नहीं चल पा रहा है. पर आपकी समस्या बरकरार है. ऐसे में आप सोचती हैं कि डॉक्टर […]
अत्यधिक तनाव के कारण लोग हो रहे सिमोटोफॉर्म डिसऑर्डर नामक बीमारी के शिकार, महिलाएं सबसे अधिक हो रही हैं ग्रसित
पेट में हल्का-हल्का दर्द बना हुआ है. बार-बार डॉक्टर से जांच कराने के बाद भी बीमारी का पता नहीं चल पा रहा है. पर आपकी समस्या बरकरार है. ऐसे में आप सोचती हैं कि डॉक्टर आपकी बातों काे समझ नहीं पा रहे हैं और अापदूसरे और तीसरे डॉक्टर के पास इलाज के लिए भटकते रहते हैं.
यदि कुछ इस तरह की समस्या से पीड़ित हैं, तो बीमारी शारीरिक नहीं, मानसिक हो सकती है. ऐसा सिमोटोफॉर्म नामक मानसिक बीमारी का लक्षण हो सकता है. जी हां, अत्यधिक तनाव से पीड़ित होने के कारण लोग सिमोटोफॉर्म डिसऑर्डर नामक मानसिक बीमारी की शिकार हो रही हैं. खास कर महिलाएं इस बीमारी से सबसे अधिक ग्रसित हो रही हैं. हाल के दिनों में इस प्रकार की समस्या अधिक देखने को मिल रही है.
कामकाजी महिलाएं इसकी अधिक शिकार हो रही हैं : बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से कई जिलों में संचालित काउंसेलिंग सेल में इस तरह के मामले सामने आये हैं. वैसी महिलाएं इसकी शिकार अधिक हो रही हैं, जो लंबे समय तक अधिक तनाव में रह रही हैं. वहीं, नशा का सेवन करने के बाद भी, महिलाआें में इस तरह की समस्या देखने को मिल रही है.
महिलाएं या तो पेट से संबंधित शिकायतें बता रही हैं या फिर धड़कन तेज होने की या फिर सांस फूलने की. वहीं, मनोचिकित्सक के अनुसार कामकाजी महिलाओं में इस तरह की समस्या अधिक देखने को मिल रही है. क्योंकि वह घर आैर ऑफिस दोनों जिम्मेदारियों को पूरा करने के दौरान सबसे अधिक तनाव में रहती है. परिवार में भी उनकी परेशानियों को सुनने के लिए किसी के पास समय नहीं होता है. इसी वजह से महिलाएं इसकी शिकार अधिक हो रही हैं.
क्या है सिमोटोफाॅर्म डिसऑर्डर
यह एक मनोशारीरिक रोग है. जो मन से शुरू हाेता है और शारीरिक
पीड़ा के रूप में लक्षित होता है. यह बीमारी अत्यधिक तनाव की स्थिति में होता है या फिर लंबे समय से बुखार से पीड़ित या फिर नशा करने के बाद छोड़ने की स्थिति में होता है.
लक्षण
बार-बार पेट में दर्द, पेट में गुड़गुड़ाहट, शरीर के विभिन्न अंगाें में दर्द, पेट में गैस बनना, हाथ पैरों में सनसनाहट, धड़कन तेज होना, सांस फूलना, उलटी आने जैसी समस्याएं परेशान करती हैं. जो इलाज व जांच से ठीक हो सकता है.
इलाज
इसके लिए मनोचिकित्सक से इलाज कराना होगा. मरीज की काउंसेलिंग के बाद उसके तनाव के कारणों को जानते हैं. फिर उन कारणों से उन्हें बाहर निकालने के लिए पहले तो दवाओं का प्रयोग करते हैं. फिर धीरे-धीरे इलाज करते हैं.
हाॅलमार्किंग में बदलाव
यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जो लंबे समय तक तनाव में रहने के बाद 30 वर्ष की आयु की महिलाओं में अधिक होती है.
-डॉ राकेश कुमार मनोचिकित्सक
महिलाओं में अधिक तनाव की स्थिति ही सिमेटोफाॅर्म डिसऑडर है, जो माइग्रेन के रूप में शुरू होता है. धीरे-धीरे शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द शुरू होता है. तनाव अधिक होने के बाद एक प्रकार से अचेतन मन अपनी भावनाओं को प्रतीकात्मक रूप से शारीरिक बीमारी के रूप में प्रस्तुत करता है. यह उन महिलाओं में अधिक पाया जा रहा है.
-अमृता श्रुति, मनोवैज्ञानिक
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