19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ट्रेन से निकलती है कुत्तों के भौंकने की आवाज, जानें आखिर क्यों

जापान एक ऐसा देश जो अपने नित नये प्रयोग के लिए जाना जाता है. जापान में अभी हाल ही में एक ऐसी तकनीक विकसित की गयी है, जिससे न सिर्फ जानवरों को पटरी से दूर रखा जा सकता है, बल्कि ट्रेनों के साथ पशुओं के टकराने से होनेवाली हानि से भी बचा जा सकता है. […]

जापान एक ऐसा देश जो अपने नित नये प्रयोग के लिए जाना जाता है. जापान में अभी हाल ही में एक ऐसी तकनीक विकसित की गयी है, जिससे न सिर्फ जानवरों को पटरी से दूर रखा जा सकता है, बल्कि ट्रेनों के साथ पशुओं के टकराने से होनेवाली हानि से भी बचा जा सकता है.

दरअसल, जापान में इन दिनों हिरणों के ट्रेन से टकराने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. आंकड़ों के अनुसार, जापान में इन हादसों से हिरणों की संख्या में 40 प्रतिशत तक की कमी आयी है. इसे देखते हुए जापान के वन्य विभाग ने रेलवे मंत्रालय से संपर्क कर उन्हें इसका समाधान ढूंढ़ने को कहा. सुरक्षा के तौर पर रेलवे को पटरी के आसपास लोहे की बाड़ लगाने की सलाह दी गयी. लेकिन, जापान का रेलवे विभाग इससे संतुष्ट नहीं हुआ. यह तरीका कहीं से भी इस समस्या के स्थायी समाधान का रास्ता नहीं था. जापानी इसके लिए एक ऐसा तरीका चाहते थे, जिससे इस तरह की समस्या से हर जगह निबटा जा सके.

इस समस्या का समाधान निकालने के लिए संपर्क किया गया जापान की रेलवे तकनीकी अनुसंधान संस्थान से. संस्थान ने किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले जंगलों में जाकर हिरणों की आदतों पर रिसर्च करने का विचार किया. इसके लिए वैज्ञानिकों की एक टीम उस जंगल में पहुंची, जहां ट्रेनों से टक्कर के हादसे की ये घटनाएं हो रहीं थीं. पटरी के किनारे कैंप लगाकर वे हिरणों की आदतों पर नजर रखने लगे और पटरी के आसपास आनेवाले हिरणों को पटरी से दूर रखने लगे. एक दिन कुछ हिरण फिर से पटरी की तरफ आ निकले.

जब तक वैज्ञानिक वहीं पहुंचते, वहां दो-चार कुत्ते पहुंच गये और भौंकना शुरू कर दिया. तुरंत ही सारे हिरण वहां से भाग खड़े हुए. इस घटना ने वैज्ञानिकों को वह तरीका दे दिया, जिसका वह काफी दिन से इंतजार कर रहे थे. किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले उन्होंने इसे अनेकों बार दुहराया. हर बार परिणाम सकारात्मक रहा. इसके बाद वैज्ञानिकों ने कुत्ते की आवाज वाला एक हॉर्न बनाया और इसे प्रयोग के तौर पर ट्रेन में लगाया. इसके अलावा हॉर्न में हिरणों के खर्राटे और दूसरे जानवरों की आवाज का भी प्रयोग किया गया. सभी के परिणाम उत्साहवर्धक रहे.

एक साल में 185 हिरणों की हो चुकी मौत

रेलवे के अधिकारियों ने जापान के स्थानीय समाचार पत्र असाही शिंबुन को बताया कि 2016-17 में टकराने से 185 हिरणों की मौत हुई और 613 बार ट्रेनों को 30 मिनट से लेकर एक घंटे तक रोकना पड़ा. अब इस नयी तकनीक के आ जाने से उन्हें आशा है कि अब इस तरह की दुर्घटनाओं में कमी आयेगी. इस साल जापान के सभी ट्रेनों में जानवरों की आवाज वाली हॉर्न का प्रयोग शुरू कर दिया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें