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चार घंटे ऑपरेशन के लिए बैठी रही प्रसूता नहीं आये डॉक्टर, मौत

सहरसा : जिले के सत्तरकटैया प्रखंड अंतर्गत नंदलाली नारायणपुर निवासी गजेंद्र मिस्त्री की गर्भवती पत्नी रीना देवी की मौत सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी. मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए घंटों सदर अस्पताल में हंगामा किया. मृतक के पति गजेंद्र मिस्त्री ने इस बाबत सिविल सर्जन […]

सहरसा : जिले के सत्तरकटैया प्रखंड अंतर्गत नंदलाली नारायणपुर निवासी गजेंद्र मिस्त्री की गर्भवती पत्नी रीना देवी की मौत सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी. मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए घंटों सदर अस्पताल में हंगामा किया. मृतक के पति गजेंद्र मिस्त्री ने इस बाबत सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है.

उन्होंने कहा कि 23 जनवरी की सुबह अपनी पत्नी को सही अवस्था में डिलिवरी के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया. चिकित्सकों ने जांच के बाद अगले दिन 24 जनवरी को डिलिवरी की बात कही. उन्होंने बताया कि ड्यूटी पर मौजूद डॉ पूनम सिंह ने टालमटोल रवैया अपनाते हुए पहले रक्त चढ़ाने के लिए ब्लड बैंक से रक्त मंगवाया. चिकित्सक के कहने पर रुपये देकर एक यूनिट ब्लड लाकर चढ़ाया गया.
चार घंटे ऑपरेशन…
चिकित्सकों द्वारा अल्ट्रासाउंड की बात कही गयी. अल्ट्रासाउंड देखने के बाद चिकित्सकों ने ऑपरेशन की बात कही. इसके लिए दवाई बाहर से खरीद कर लाने को कहा. उन्होंने बताया कि तकरीबन 26 सौ रुपये की दवाई लाकर घंटों ऑपरेशन के लिए खड़े रहे. लेकिन चिकित्सक ऑपरेशन थिएटर में नहीं ले गये. मरीज की हालत बिगड़ती देख डीएस से इसकी शिकायत की, उन्होंने भी किसी तरह का एक्शन नहीं लिया. अस्पताल मैनेजर से भी गुहार लगायी. लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. इस दरम्यान तीन से चार घंटे बीत गये. मरीज की हालत गंभीर होती गयी. कई बार नर्सों से भी आग्रह किया गया, लेकिन उन्होंने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. इसको लेकर सिविल सर्जन कार्यालय भी गया. लेकिन सिविल सर्जन मीटिंग में गये हुए थे.
इस बीच मरीज की हालत नाजुक हो गयी. इसके बाद जैसे ही ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया, प्रसूता की मौत हो गयी व मृतका को बाहर निकाल दिया गया. परिजनों को मौत की जानकारी मिलते ही सभी अवाक रह गये. परिजनों ने साफ तौर पर इस मौत के लिए चिकित्सक की लापरवाही को जिम्मेदार बताया. परिजन मौजूद चिकित्सक व कर्मी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अविलंब कार्रवाई करने की मांग को लेकर शव के साथ अस्पताल परिसर में जमे रहे. लोगों के आक्रोश को देखते हुए काफी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती सदर अस्पताल में कर दी गयी. घंटों मशक्कत के बाद व परिजनों को समझाने-बुझाने के बाद शव को घर ले जाया गया.
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप िकया हंगामा
सीएस की जांच के बाद कार्रवाई के आश्वासन पर शांत हुए परिजन
चिकित्सकों की नहीं है लापरवाही : सीएस
सिविल सर्जन डॉक्टर सिंह ने बताया कि परिजनों द्वारा आवेदन दिया गया है. सभी पहलुओं पर जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि मरीज को अहले सुबह सदर अस्पताल लाया गया था. चिकित्सकों ने जांच के बाद उसमें हीमोग्लोबिन की कमी पायी व ब्लड बैंक से ब्लड लाने को कहा. ब्लड चढ़ाया भी गया, लेकिन जांच के दौरान पता चला कि यूटेरस अंदर से फट गया है. इसका ऑपरेशन किया जाना था.
चिकित्सकों की नहीं…
ऑपरेशन की तैयारी पूरी कर ली गयी व मरीज को ऑपरेशन थिएटर के अंदर ले जाने की प्रक्रिया की जा रही थी कि ऑपरेशन थिएटर के गेट पर ही मरीज ने दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी मरीज का सिजेरियन हुआ था. उन्होंने कहा कि यह चिकित्सकों की लापरवाही नहीं है. परिजनों ने भी स्वीकार किया है. ब्लड के लिए भी किसी तरह की राशि नहीं ली गयी है.

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