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एक्सपर्ट कमेंट ऑन झारखंड बजट : विकास दर बढ़ानेवाला है बजट
इस बजट से स्पष्ट हुआ है कि कर वसूली बेहतर हुई है, इसमें वास्तविकता है व खर्च बढ़ाया गया है प्रो हरीश्वर दयाल झारखंड सरकार का यह बजट काफी अच्छा है. पिछले कुछ सालों से विकास दर में वृद्धि हुई है. यह बजट इस विकास दर को और बढ़ाने का काम करेगा. बजट में वास्तविकता […]
इस बजट से स्पष्ट हुआ है कि कर वसूली बेहतर हुई है, इसमें वास्तविकता है व खर्च बढ़ाया गया है
प्रो हरीश्वर दयाल
झारखंड सरकार का यह बजट काफी अच्छा है. पिछले कुछ सालों से विकास दर में वृद्धि हुई है. यह बजट इस विकास दर को और बढ़ाने का काम करेगा. बजट में वास्तविकता है. खर्च बढ़ाया गया है. कर्ज में वृद्धि नहीं हुई है. एसआरबीएम के प्रावधानों के तहत इसे तैयार किया गया है. इससे राजस्व सरप्लस होगा. बजटीय घाटा 2.43 प्रतिशत आंका गया है, जो 3.5 प्रतिशत हो सकता था. यह अच्छी बात है.
इस बजट से स्पष्ट हुआ है कि कर वसूली बेहतर हुई है. इस मामले में केंद्र से भी अच्छा रिस्पांस मिला. 19 हजार 500 करोड़ कुल कर की प्राप्ति हुई है. पिछले वर्ष की तुलना में एक हजार करोड़ अधिक है. वहीं पांच हजार करोड़ शेयर (केंद्र) का बढ़ा है. रेवेन्यू बढ़ा है.
राजस्व घाटा नियंत्रण में है. कुल मिला कर कहा जाये कि यह बजट स्थायित्व देनेवाला है. इस बजट को जनभागीदारी की बदौलत तैयार किया गया है. इसलिए यह लोगों की आकांक्षाअों के अनुरूप बना है. बजट में पांच विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आमदनी को दुगुनी करना, युवाअों के लिए स्वरोजगार व रोजगार उपलब्ध कराना, एसटी/एससी/वंचित लोगों का विकास तथा पिछड़े क्षेत्रों का विकास करना शामिल है.
बजट में इसका समावेश होने से क्षेत्रीय असंतुलन दूर होगा. सरकार ने इस बजट में स्कीम पर ज्यादा ध्यान दिया है. किसी भी राज्य में विकास का सीधा असर स्कीम पर पड़ता है.
इसलिए झारखंड में स्कीम पर काफी खर्च किये गये हैं. कुल बजट में 46,500 करोड़ रुपये स्कीम पर व 33,700 करोड़ स्थापना पर खर्च किये जाने का प्रावधान है. सभी क्षेत्रों के विकास के लिए आवंटन व योजनाओं का प्रावधान किया गया है. रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट को जोड़ा गया है, जबकि स्कूली व उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए भी अलग-अलग योजनाएं बनायी गयी हैं. कृषि क्षेत्र व सिंचाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. इस बजट में जेंडर, एग्रीकल्चर, एसटी/एससी व वंचित लोगों के लिए भी विशेष प्रावधान रखा गया है.
ग्रामीण विकास की राशि में 13 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. वहीं कृषि में आठ प्रतिशत, जेंडर में 6.6 प्रतिशत, एसटी/एससी के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कुल बजट का 52 प्रतिशत खर्च रखा गया है. इससे स्पष्ट है कि एसटी/एससी का उत्तरोत्तर विकास होगा. वंचित क्षेत्र से गरीबी दूर होगी. सकल घरेलू उत्पाद में स्थायित्व होगा. बजट में सूखा क्षेत्र के विकास के लिए भी अलग से प्रावधान रखा गया है. उत्तम कृषि व उत्तम खेती पर ध्यान दिया गया है. कोल्ड चेन, लघु व कुटीर उद्योग, एसएचजी व रोजगार को बढ़ावा दिया गया है.
( लेखक अर्थशास्त्री हैं)
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