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बिहार : पुलिस, फायर, स्वास्थ्य, आपदा, समाज कल्याण संबंधित समस्याओं के लिए होगा 1 ही नंबर, डायल 112 के बारे जानेगी पुलिस

नेशनल इमरजेंसी रेस्पांस सिस्टम को लेकर केरल व आंध्र प्रदेश जायेंगे अधिकारी पटना : नेशनल इमरजेंसी रेस्पांस सिस्टम (एनईआरएस) को लेकर बिहार सरकार गंभीर हो गयी है. पिछले दिनों हुई बैठक के बाद तय हुआ है कि यहां के अधिकारी केरल और आंध्र प्रदेश जायेंगे. वहां एनईआरएस का अवलोकन करेंगे. पूरे सिस्टम की सफलता और […]

नेशनल इमरजेंसी रेस्पांस सिस्टम को लेकर केरल व आंध्र प्रदेश जायेंगे अधिकारी
पटना : नेशनल इमरजेंसी रेस्पांस सिस्टम (एनईआरएस) को लेकर बिहार सरकार गंभीर हो गयी है. पिछले दिनों हुई बैठक के बाद तय हुआ है कि यहां के अधिकारी केरल और आंध्र प्रदेश जायेंगे.
वहां एनईआरएस का अवलोकन करेंगे. पूरे सिस्टम की सफलता और तकनीकी पहलुओं पर भी बात करेंगे. यह सब काम यहां के डीपीआर के फाइनल होने से पहले करने हैं. दरअसल, जल्दी ही इमरजेंसी नंबर के तौर पर 112 नंबर बिहार में भी सक्रिय होगा. इस एक नंबर से पुलिस, एम्बुलेंस, आपदा, समाज कल्याण,अग्निशमन सेवा आदि से संपर्क साधा जा सकेगा.
जिससे संबंधित समस्या होगी, उसके बाद कॉल चली जायेगी. सारा सिस्टम कंप्यूटराइज्ड होगा, ताकि कम से कम समय में सहायता पहुंच सके. देश के कुछ राज्यों में इस सिस्टम ने काम करना शुरू भी कर दिया है. इसी में आंध्र प्रदेश और केरल शामिल हैं. पिछले दिनों हुई बैठक में सीडैक के प्रतिनिधियों ने यहां के अधिकारियों को एनईआरएस से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया था. पहले चरण में पटना, भागलपुर, दरभंगा, गया एवं मुजफ्फरपुर में एनईआरएस को प्रारंभ किया जाना है. इससे पूर्व सीडैक ने आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, केरल एवं अरुणाचल प्रदेश में एनईआरएस का काम किया है.
डीपीआर बनाने से पहले होंगे कई काम
सीडैक की ओर से प्रस्तुत डीपीआर में परियोजना के लिए भवन, स्टाफ एवं वाहनों के खर्च शामिल नहीं किये गये हैं.इस वजह से गृह विभाग ने अनुरोध किया था कि प्रस्तावित स्टेट इमरजेंसी रेस्पांस सेंटर (एसईआरसी) की स्थापना के लिए स्थल, भवन का चयन, व्यय, कॉल टेकर्स के वेतन, वाहनों में जीपीएस लगाने एवं संचालन व्यय आदि बिंदुओं को शामिल करते हुए डीपीआर बनायी जाये. सीडैक की डीपीआर में इन सब चीजों को नहीं जोड़ा गया है.
ताकि केंद्र सरकार की ओर से दी गयी राशि के अतिरिक्त राज्य सरकार को कितना खर्च करना पड़ेगा, इसकी जानकारी सामने आ सके. समेकित डीपीआर के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है. साथ ही यह भी कहा गया है कि इस डीपीआर को अंतिम रूप देने से पहले आंध प्रदेश और केरल राज्यों का अध्ययन तुलनात्मक रूप से किया जायेगा.

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