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झारखंड : रांची के कई पेट्रोल पंपों में कम माप की शिकायत, आप ऐसे करें जांच

माप-तौल निदेशालय के जिम्मे है निगरानी, वह भी ढंग से नहीं कर रहा काम रांची : शहर के कई लोग इन दिनों पेट्रोल पंप में कम माप की शिकायत कर रहे हैं. यानी वहां पेट्रोल व डीजल कम दिये जा रहे हैं. रविवार को न्यू मधुकम निवासी एस चौधरी ने अोल्ड हजारीबाग रोड पर बाबा […]

माप-तौल निदेशालय के जिम्मे है निगरानी, वह भी ढंग से नहीं कर रहा काम
रांची : शहर के कई लोग इन दिनों पेट्रोल पंप में कम माप की शिकायत कर रहे हैं. यानी वहां पेट्रोल व डीजल कम दिये जा रहे हैं. रविवार को न्यू मधुकम निवासी एस चौधरी ने अोल्ड हजारीबाग रोड पर बाबा डिजिटल के पास स्थित पेट्रोल पंप से अपनी मोटरसाइकिल में 100 रुपये का तेल (1.39 लीटर) भरवाया.
पर करीब 70 किमी के बजाय सिर्फ 45 किमी चलने के बाद ही उनकी मोटरसाइकिल रिजर्व में आ गयी. इसकी शिकायत करने पर पेट्रोल पंप वालों ने इससे हाथ ही झाड़ लिया. वहीं, बात बढ़ने पर, ‘जहां शिकायत करनी हो कर लो’ की भाषा बोलने लगे. इधर, इसी तरह की शिकायत राजधानी के कई पेट्रोल पंपों से आ रही है. गौरतलब है कि माप सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी खाद्य आपूर्ति विभाग के तहत माप-तौल निदेशालय की है. पर यह सही तरीके से नहीं कर रहा.
प्रभात खबर ने कई बार उठाया है मुद्दा
पेट्रोल में कम माप व मिलावट की शिकायत होती रही है. एक बार एक तेल कंपनी के ही वरीय अधिकारी ने प्रभात खबर को बताया था कि पेट्रोल में केरोसिन, बेंजिन व नेफ्थॉल मिलाये जा रहे हैं. कालाबाजार का केरोसिन सबसे ज्यादा पेट्रोल पंपों में ही खपता है. प्रभात खबर ने 20 फरवरी 2007 को इसी से संबंधित एक खबर छापी थी, जब सामलौंग के एक पेटोल पंप पर पेट्रोल के टैंकर (बीआर14जी-9925) में केरोसिन मिलाया जा रहा था. खुलेआम हो रही इस मिलावट के बाद मामले को रफा-दफा कर दिया गया. अाज वह पेट्रोल संचालित है.
कहने को तेल कंपनियां तथा खाद्य आपूर्ति विभाग का माप-तौल महकमा भी तेल की गुणवत्ता व माप की जांच करता है, लेकिन इसका बहुत असर नहीं दिखता. रांची व रामगढ़ के कुछ परिचित पेट्रोल पंप मालिकों ने प्रभात खबर से कहा कि पंप पर मीटर सही तरीके से एडजस्ट नहीं किया जाता है. एेसा सिस्टम में शामिल अधिकारियों की सहमति से होता है. पेट्रोल पंप मालिक खुद रांची शहर के एक खास पेट्रोल पंप से ही पेट्रोल-डीजल लेने की सलाह देते हैं.
माप-तौल विभाग से कर सकते हैं शिकायत : चौधरी
माप-तौल नियंत्रक केसी चौधरी कहते हैं कि यूपी में पेट्रोल-डीजल चोरी की घटना के बाद झारखंड में एक कमेटी बनायी गयी थी. इसमें तेल कंपनियों, माप-तौल विभाग तथा पेट्रोल पंप पर लगे उपकरण बनाने वाले निर्माता (अोरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर या अोइएम) के प्रतिनिधि शामिल थे. इस कमेटी ने पेट्रोल पंप की जांच की थी तथा ज्यादातर को ठीक पाया था.
यदि किसी भी ग्राहक को माप में कोई शक है, तो वह संबंधित पेट्रोल पंप से पांच या 10 लीटर का कोनिकल मेजर लेकर तेल की माप कर सकते हैं. यदि कोई पंप यह मेजर न दे, तो सीधे माप-तौल विभाग को शिकायत करें. ज्यादा जानकारी वेबपोर्टल www.elegalmetrologyjharkhand.gov.in से ली जा सकती है.
आप कर सकते हैं जांच
पेट्रोल पंप पर जो उपकरण अभी उपलब्ध हैं, उनसे भी माप की जांच की जा सकती है. माप के लिए पंप पर कोनिकल मेजर होता है. यह पांच लीटर का एक पात्र है, जिसके शीर्ष पर एक छिद्र (कांटी की नोक सा) होता है. इसमें पांच लीटर तेल डालने पर तेल उस छिद्र को छू लेता है. पेट्रोल पंप पर एक सिटिजन चार्टर पुस्तिका भी होती है. इसमें ग्राहकों के लिए कई जानकारियां होती हैं. मांगे जाने पर पेटोल पंप प्रबंधन को इसे उपलब्ध कराना है.

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