जयपुर : श्री राजपूत करणी सेना ने विवादित फिल्म पद्मावत पर नरम रवैया अपनाते हुए फिल्म के परदे पर उतरने से पूर्व फिल्म को देखने पर अपनी सहमति दे दी. वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद ने फिल्म के विरोध में आवाज उठायी है. राजस्थान सरकार ने फिल्म का विरोध कर रहे मेवाड़ के राज परिवार और करणी सेना को सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में पार्टी बनने के लिये आमंत्रित किया है.
श्री राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने बताया, ‘ हम फिल्म को देखने के लिए तैयार हैं, हमने कभी नहीं कहा कि हम फिल्म नहीं देखेंगे. फिल्म निर्माता ने एक वर्ष पूर्व फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग के लिए आश्वासन दिया था और अब उन्होंने स्क्रीनिंग के लिए लिखा है, हम उसके लिए तैयार हैं.’ वहीं, विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्टीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि फिल्म पद्मावत का विहिप, बजरंग दल, उससे जुड़े हुए हिंदू संगठन जोर शोर से विरोध करेंगे और फिल्म को परदे पर नहीं उतरने देंगे. तोगड़िया ने कहा कि हिंदू संगठनों को सड़कों पर उतर कर लोकतांत्रिक तरीके से फिल्म का विरोध करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह मामला केवल राजपूत समाज का नहीं है, बल्कि उन सब हिंदू जातियों का है, जिन्होंने अपने आत्मसम्मान के लिए जौहर किया था. उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने जलीकुट्टी मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के विरुद्व अध्यादेश लेकर आयी थी, उसी तरह फिल्म पद्मावत पर प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो जनता को फिल्म को परदे पर उतरने से रोकने के लिए ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने के लिए आगे आना चाहिए. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कहा कि उसका स्पष्ट अभिमत है कि ऐतिहासिक संदर्भों को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में, इतिहास सम्मत जन भावना के अनुरूप ही अभिव्यक्त करना चाहिए.
पद्मावत को प्रदर्शन से पूर्व देखने को तैयार करणी सेना राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र के संघ चालक डाॅ भगवती प्रकाश ने एक बयान में कहा कि साहित्य सृजन में ऐतिहासिक घटना को रोचक बनाने के लिए कल्पना की छूट स्वाभाविक है. लेकिन, यह कल्पना की उड़ान पात्र की गरिमा व इतिहास तथा जनभावनाओं के अनुकूल होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इतिहास के साथ खिलवाड़ गलत है. सरकार को इस प्रकार की घटनाओं पर जन भावना का ध्यान रखते हुए नियंत्रण रखना चाहिए. समाज भी जनतांत्रिक तरीके से किसी भी प्रकार की ऐतिहासिक छेड़छाड़ के विरुद्ध आंदोलन एवं जन जागरण के लिए स्वतंत्र है. संघ की यह स्थायी भूमिका है. उन्होंने कहा कि मलिक मुहम्मद जायसी ने ऐतिहासिक कथानक को ही कल्पना विस्तार दिया है. ऐतिहासिक उपन्यास, कथा, नाट्य लेखन, मंचन तथा फिल्म निर्माण की अपने देश में लंबी परम्परा रही है.
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मेवाड़ राज परिवार के अरविंद सिंह ने फिल्म को देखा है और यदि करणी सेना और मेवाड़ राज परिवार राज्य सरकार की उच्चतम न्यायालय में दायर पुनर्विचार याचिका में पार्टी बनते हैं तो मामला मजबूत हो जायेगा. उन्होंने कहा कि जनता के साथ साथ हम लोग भी प्रभावित हैं. लोगों की भावनाओं और कानून व्यवस्थाओं के लिए संविधान और कानून के दायरे में रहकर जो भी संभव प्रयास किये हैं. राजस्थान सरकार ने प्रदेश में फिल्म पर लगाये गये प्रतिबंध पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सोमवार को उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की है.
इधर फिल्म का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राजसमंद और बाडमेर में राजमार्ग को जाम किया. फिल्म पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर भीलवाड़ा में एक युवक मोबाइल टावर पर चढ़ गया. भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि युवक को समझाकर मोबाइल टावर से उतार लिया गया. एक अन्य संगठन राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने भी विहिप की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र को फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश लेकर आना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड केंद्र सरकार के अधीन कार्य करता है, इसलिए केंद्र सरकार को फिल्म को परदे पर नहीं उतरने के लिए कदम उठाने चाहिए.
लोगों ने सोमवार से रास्ता रोको अभियान की शुरुआत की है और मंगलवार से रेलवे रोको अभियान भी किया जा सकता है. इसके लिए सेंसर बोर्ड और केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी. पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि रानी पद्मिनी देश की और प्रदेश के लोगों के लिए एक आदर्श है और इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. राजस्थान के पुलिस महानिदेशक ओपी गलहोत्रा ने बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरे प्रयास किये जायेंगे. जयपुर लिटेचर फेस्टिवल में भाग लेने आ रहे सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को करणी सेना की ओर से दी गयी धमकी के बारे में पुलिस महानिदेशक कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखना और सुरक्षा देना पुलिस की जिम्मेदारी है. जिसे आवश्यकता होगी उसे सुरक्षा दी जायेगी.