कटिहार : यहां न किसी फिल्म की शूटिंग चल रही है और न शादी समारोह है. यह सब हो रहा है खाकी की निगहबानी में अश्लील ठुमके का कारोबार. बरारी प्रखंड के सेमापुर ओपी क्षेत्र की वैसा पंचायत में पुलिस की मिलीभगत से खुलेआम थियेटर में अश्लीलता परोसी जा रही है. एक ओर सूबे की सरकार समाज की कुरीतियों को जड़ से मिटाने के लिए हाथ से हाथ मिलाकर मानव शृंखला बनाकर देश को संदेश देने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार के नुमांइदे अपने पद का दुरुपयोग करते हुए राज्य सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ी रहे हैं. जानकारी के अनुसार, वैसा पंचायत में थियेटर का आयोजन किया गया. इसमें अश्लीलता लोगों के बीच परोसी गयी. अश्लील गानों के बीच युवतियां मंच पर नाचती थिरकती रहीं. खुलेआम सेमापुर ओपी क्षेत्र में थियेटर चल रहा था. सूत्रों की मानें, तो सेमापुर ओपी प्रभारी की मिलीभगत से ही थियेटर में अश्लीलता परोसी जा रही है. हालांकि मामला उजागर होते ही वरीय पुलिस पदाधिकारी ने कार्रवाई आरंभ कर दी है.
Rs. 30,000 पुलिस को मिल रहे हर रात के
जिले की लॉ एंड आर्डर पुलिस के कंधे पर होती है. लेकिन, जब पुलिस की मिलीभगत से ही गलत काम हो, तो इसे क्या कहा जायेगा. जब पुलिस ही भ्रष्ट हो, तो इस प्रकार के अश्लील थियेटर में अश्लील गाने लोगों के बीच परोसा जायेगा ही. अश्लील गानों के बीच थरकती लड़कियां, उपर से शराब का दौर चलती है. अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस की मिलीभगत से थियेटर नहीं चल रही थी. स्थानीय लोगों की मानें, तो बिना पुलिस के मिलीभगत से यह कार्य नहीं किया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, थियेटर चलाने के लिए सेमापुर ओपी को तीस हजार रुपये प्रति नाइट दिया गया था. ताकि, वहां अश्लीलता पुलिस की देखरेख में परोसी जा सके. हालांकि, इस मामले में जांच की बात कह कर पुलिस के वरीय अधिकारी अपना पल्ला झाड़ लिया. लेकिन, हकीकत कुछ यही बयां करती है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि सेमापुर ओपी प्रभारी ने खुलेआम अश्लीलता परोसने का आदेश जारी कर दिया.
कहते हैं अधिकारी
इस संदर्भ में एसडीपीओ लाल बाबू यादव ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नही है. अगर ऐसी बात है तो निश्चित ही मामले में जांच कर कार्रवाई की जायेगी. इसमें जो भी दोषी होंगे उसे बख्शा नहीं जायेगा.