पटना : राज्यों के वित्त मंत्रियों की केंद्रीय वित मंत्री अरुण जेटली के साथ नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई बजट पूर्व बैठक में बिहार की ओर से उपमुख्यमंत्री सह वित मंत्री सुशील कुमार मोदी ने वित्तीय वर्ष 01 अप्रैल की जगह 01 जनवरी से प्रारंभ करने, केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्रांश बढ़ाने, सभी तरह की सामाजिक पेंशन योजना की राशि में 500 रुपये की बढ़ोत्तरी करने, आयकर की सीमा बढ़ाने, व आपदा राहत कोष से संबंधित अनेक सुझााव प्रस्तुत किया.
सुशील मोदी ने आयकर की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख करने, 80 सी के तहत आयकर छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ा कर 2 लाख करने, आयकर से छूट के लिए 10 लाख की ग्रेच्युटी की सीमा को बढ़ा कर 20 लाख करने तथा बिहार में चल रही रेल परियोजनाओं व प्रधानमंत्री पैकेज की योजनाओं को समय से पूरा करने के लिए आगामी बजट में पर्याप्त आवंटन करने का सुझाव दिया.
डिप्टी सीएम ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं मसलन मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास व सड़क योजना व जीविका आदि में केंद्रांश बढ़ाने के साथ ही सड़कों की देखरेख पर अब तक जो 100 प्रतिशत राशि राज्य को खर्च करनी पड़ती है, उसके लिए 60ः40 का केंद्रांश-राज्यांश तय करने का सुझाव दिया. बाढ़-सुखाड़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं से हर साल जुझने वाले बिहार के लिए उन्होंने आपदा प्रबंधन कोष को दोगुना करने, 14वें वित आयोग की अनुशंसा के आधार पर केंद्र व राज्य के अंशदान को वर्तमान 75ः25 की जगह 90ः10 करने का सुझाव दिया.
सुशील मोदी ने सुझाव दिया कि केंद्रीय करों का हिस्सा जो राज्यों को अब तक प्रत्येक महीने की पहली तारीख को मिलती थी उसे जो अब केंद्र तीन महीने पर 15 तारीख को देने का निर्णय करने जा रही है. उससे बिहार जैसे राज्यों को वेतन-पेंशन के भुगतान में काफी परेशानी होगी. इसलिए पहले की तरह राज्यों को केंद्रीय करों का हिस्सा प्रत्येक महीने की पहली तारीख को देने की व्यवस्था को कायम रखी जाये.