रांची/नयी दिल्ली:केंद्र सरकार की केंद्रीकृत ई-वे बिल प्रणाली में झारखंड, बिहार, गुजरातऔर हरियाणा सहित 10 राज्य शामिल हो गये हैं. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में वस्तुओं के अंतर राज्य सड़क परिवहन के लिए यह प्रणाली लागू की जा रही है. जीएसटी व्यवस्था में 50,000 रुपये और उससे अधिक मूल्य के सामान का 10 किलोमीटर से अधिक अंतरराज्यीय परिवहन होने पर एक फरवरी से ई-वे बिल अनिवार्य होगा.
इसे भी पढ़ें : टाटीसिलवे-सांकी रेल लाइन पर 120 किलोमीटर तक की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन
कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड और केरल में पहले से ई-वे बिल का इस्तेमाल हो रहा है. मंगलवार से छह और राज्यों हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, सिक्किम और झारखंड जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) द्वारा शुरू किये गये परीक्षण में शामिल हो गये. जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा, ‘हमारी इस पहल में और राज्य जल्द शामिल होंगे और अगले महीने से इसे पूरे देश में लागू किया जायेगा.’
उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्टर तथा करदाता इस प्रणाली से जुड़ जायेंगे, तो उन्हें किसीटैक्सऑफिस या चुंगी पर जाने की जरूरत नहीं होगी. वह ई-वे बिल के जरिये सीधे आगे बढ़ सकेंगे. ये बिल इलेक्ट्राॅनिक तरीके से निकाले जा सकेंगे. ई-वे बिल निकालने के लिए ट्रांसपोर्टर ewaybill.nic.in पोर्टल पर जाकर जीएसटीआईएन देकर अपना पंजीकरण करा सकेंगे.
इसे भी पढ़ें : राजबाला वर्मा ने चारा घोटाले में भेजे गये नोटिस का दिया जवाब, कहा, चाईबासा कोषागार में गलत हो रहा है, इसका आभास नहीं था
ऐसे ट्रांसपोर्टर जो जीएसटी में पंजीकृत नहीं हैं, अपना पैन या आधार नंबर देकर खुद को ई-वे बिल प्रणाली में शामिल कर सकेंगे और ई-वे बिल निकाल सकेंगे. ई-वे बिल को निकालने के 24 घंटे के भीतर उसे रद्द करने का भी प्रावधान है.