नयी दिल्ली : बाबा रामदेव की अगुआई वाली एफएमसीजी कंपनी पंतजलि आयुर्वेद ने अपने उत्पादों को घर-घर पहुंचाने के लिए मंगलवार को अमेजन व फ्लिपकार्ट सहित आठ बड़ी आॅनलाइन खुदरा कंपनियों से गठजोड़ की घोषणा की है. रामदेव ने यहां इस भागीदारी की घोषणा करते हुए कहा कि इस पहल का उद्देश्य ग्राहकों को पारंपरिक खुदरा व्यवस्था का सुगम व प्रभावी विकल्प उपलब्ध करवाना है. यह एक तरह से पहली व्यवस्था का विस्तार ही है. बताने वाली बात यह भी है कि आॅनलाइन बिकने वाले पतंजलि के उत्पादों पर किसी तरह की छूट नहीं दी जायेगी.
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इस पहल के तहत पतंजलि ने ई-काॅमर्स कंपनी अमेजन, ग्रोफर्स, शॉपक्लूज, फ्लिपकार्ट, बिगबास्केट, 1एमजी, पेटीएम मॉल व नेटमेड्स शामिल हैं. पतंजलि के विभिन्न उत्पाद अब इन साइटों पर उपलब्ध होंगे. चिकित्सक की सलाह पर उपलब्ध करवाई जाने वाली पतंजलि की दवाएं केवल नेटमेड्स व 1एमजी के जरिए बेची जायेंगी. शॉपक्लूज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष परिचालन विशाल शर्मा ने कहा कि कंपनी सीधे ही उत्पाद लेकर उन्हें ग्राहकों को बेचेगी.
पतंजलि व ई-काॅमर्स कंपनियां इन उत्पादों की बिक्री पर कोई छूट नहीं देंगी, ताकि खुदरा बिक्री केंद्रों के जरिये उत्पादों की बिक्री से तालमेल रखा जा सके. रामदेव ने कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के जरिये लोग पतंजलि के उत्पादों की आॅनलाइन बिक्री शुरू किये जाने का आग्रह कर रहे थे. इसे ध्यान में रखते हुए ही संस्था ने ‘हरिद्वार से हर द्वार तक आॅनलाइन उत्पाद’ उपलब्ध करवाने का फैसला किया है.
कंपनी ने हाल ही में अपनी वेबसाइट पतंजलि आयुर्वेद बनायी और दिसंबर महीने में इसके जरिये बिक्री 10 करोड़ रुपये से अधिक रही. रामदेव ने कहा कि 50,000 करोड़ रुपये मूल्य की उत्पादन क्षमता तैयार करके उनकी कंपनी एफएमसीजी क्षेत्र में सबसे अग्रणी बन गयी है. हरिद्वार और तेजपुर (असम) में बड़ी इकाइयों के बाद नोएडा, नागपुर व इंदौर में कंपनी के कारखाने पर तेजी से काम चल रहा है.
इसके साथ ही, पतंजलि के उत्पादों का निर्यात भी आंशिक रूप से कार्य शुरू कर दिया गया है. रामदेव ने इस अवसर पर कहा कि पतंजलि 100 फीसदी शुद्धता एवं 100 फीसदी परमार्थ’ के रास्ते पर चल रही है. पतंजलि अपने मुनाफे को लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, परमार्थ और गांव गरीब की भलाई पर खर्च करेगी.
इतना ही नहीं, पतंजलि सीमा पर जान गंवाने वाले सैनिक, अर्धसैनिक बलों के जवानों के बच्चों के लिये स्कूल भी तैयार कर रहा है, जहां उनके बच्चों को निशुल्क शिक्षा, रहने और खाने-पीने की सुविधा दी जायेगी. एक सवाल के जवाब में रामदेव ने कहा कि पतजलि किसी विदेशी कंपनी के साथ गठजोड़ नहीं करेगी, लेकिन विदेशों से नयी तकनीक और विज्ञान को अपनाने में उसे कोई परहेज नहीं है.
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