मदुरै : दक्षिण भारत के तमिलनाडु में पारंपरिक तरीके से खेले जाने वाले खतरनाक खेल जल्लीकट्टू ने मकर संक्रांति के मौके पर एक 19 साल के युवक की जान ले ली. मरने वाला युवक पालामेडू के डिंडिगुल का निवासी कालीमुत्थु था. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, तमिलनाडु में इस सीजन के दौरान जल्लीकट्टू से होने वाली यह पहली मौत है.
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जानकारी के मुताबिक, कालीमुत्थु सांड को रोकने वाली जगह के आखिर में खड़ा था. वह इस आयोजन में हिस्सा नहीं ले रहा था और केवल जल्लीकट्टू को देखने के लिए यहां पहुंचा हुआ था. वह तेजी से दौड़ रहे सांड के हमले की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया. इस वजह से उसकी मौत हो गयी. यह इस सीजन में जल्लीकट्टू के आयोजन में पहली मौत है.
इस हादसे में हुई मौत ने दर्शकों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिये हैं. इस आयोजन में हिस्सा ले रहे लोगों और दर्शकों के बीच दो बैरीकेड की सुरक्षा लेयर थी. इसके बावजूद यह हादसा हो गया. मदुरै और अवनीपुरम में रविवार को शुरू हुए जल्लीकट्टू के आयोजनों में दर्शकों समेत 79 लोग घायल हो गये थे.
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में पशुओं पर होने वाली क्रूरता के तर्क के आधार पर जल्लीकट्टू को बैन कर दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने एक अध्यादेश पारित कर सांडों को काबू करने से जुड़े इस पारंपरिक तमिल खेल की इजाजत दे दी थी, लेकिन ये प्रदर्शनकारी इस पर स्थायी समाधान की मांग को लेकर काफी दिनों तक प्रदर्शन करते रहे थे.
जल्लीकट्टू पर लगा बैन हटाने को लेकर पिछले साल की शुरुआत में राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था. तमिलनाडु में इस कदम का व्यापक विरोध देखते हुए राज्य सरकार ने इसे जारी रखने के लिए एक कानून बनाया था.