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एएनएम के भरोसे कर दी गयी 2870 लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग

रंजीत कुमार बोकारो : बगैर चिकित्सक के ही एनसीडी (नन कम्यूनिकेबल डिजिज) विभाग ने 2870 लोगों की कैंसर (ओरल, ब्रेस्ट व सर्वाइकल) स्क्रीनिंग दी. जबकि कैंसर जैसी असाध्य बीमारी की स्क्रीनिंग नियमानुसार चिकित्सक की उपस्थिति में की जानी चाहिए. इस बात को जिले की सिविल सर्जन भी मानते हैं. लेकिन सिर्फ संसाधनों की कमी का […]

रंजीत कुमार
बोकारो : बगैर चिकित्सक के ही एनसीडी (नन कम्यूनिकेबल डिजिज) विभाग ने 2870 लोगों की कैंसर (ओरल, ब्रेस्ट व सर्वाइकल) स्क्रीनिंग दी. जबकि कैंसर जैसी असाध्य बीमारी की स्क्रीनिंग नियमानुसार चिकित्सक की उपस्थिति में की जानी चाहिए. इस बात को जिले की सिविल सर्जन भी मानते हैं. लेकिन सिर्फ संसाधनों की कमी का हवाला देकर मामले पर चुप्पी साध लेते हैं. विभाग में कैंसर विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं रहने का असर स्क्रीनिंग पर असर नहीं पड़ रहा है.
सदर अस्पताल में बनाये गये स्क्रीनिंग कक्ष में एक नर्स (सुजाता कुमारी) की पदस्थापना की गयी है. इनके सहारे ही पिछले छह माह (जुलाई से दिसंबर 2017) स्क्रीनिंग की खानापूरी कर ली गयी. इस तरह स्क्रीनिंग के तरीके पर सवाल उठना लाजमी है. हालांकि कई बार सदर अस्पताल के ओपीडी में कार्यरत महिला व दंत चिकित्सक का सहारा लिया जाता है. स्क्रीनिंग के बाद संदेहास्पद कई मरीजों को बाहर जाने तक की सलाह दे दी जाती है. विभाग की ओर से कैंसर पहचान प्रशिक्षण शिविर में एएनएम व सहिया को प्रशिक्षित किया जाता है. ताकि सहिया गांव स्तर पर महिलाओं के स्तन कैंसर की प्रारंभिक जांच कर सके.
तीन साल पूर्व जिले में शुरू हुआ एनसीडी विभाग
तीन साल पूर्व (वर्ष 2014) जिले में एनसीडी (नन कम्यूनिकेबल डिजिज) शुरू की गयी. कैंसर के विशेषज्ञ चिकित्सक का एक पद स्वीकृत है. इसके बाद भी बहाली नहीं हो पायी. वर्तमान में एनसीडी में एक चिकित्सक व 40 पारा कर्मी (एएनएम, जीएनएम, काउंसेलिंग सहित अन्य) कार्यरत हैं.
एनसीडी में योगदान देने के बाद भी सभी की प्रतिनियुक्ति स्वास्थ्य विभाग के दूसरे कार्य में कर दिया गया है. एनसीडी के डॉ राजेश कुमार जैनामोड़ रेफरल अस्पताल में बतौर हड्डी रोग विशेषज्ञ तैनात हैं. जबकि सदर अस्पताल में जीएनएम व एएनएम को इमजरेंसी सेवा (एक नर्स सुजाता कुमारी को छोड़ कर) व ओपीडी सेवा में तैनात कर दिया गया. एनसीडी के डाटा इंट्री ऑपरेटर असीम कुमार को सीएस कार्यालय के कार्य में लगाया गया है.
15 की जगह एक चिकित्सक व 60 की जगह 40 पारा कर्मी
तीन दिवसीय (16 से 18 अगस्त 2017) केंद्रीय एनसीडी टीम के निरीक्षण के बाद प्रतिनियुक्ति की बात पता चली. टीम ने जम कर फटकार लगायी. इसके बाद सदर अस्पताल के एक कक्ष में में ओरल, ब्रेस्ट व सरवाइकिल स्क्रीनिंग सेंटर की व्यवस्था शुरू की गयी.
कक्ष में चिकित्सक के बजाय केवल एक ए ग्रेड नर्स सुजाता को तैनात किया गया है. एनसीडी के नोडल पदाधिकारी डॉ राजश्री रानी के अनुसार विभाग को चलाने के लिए कम से कम विभिन्न विभागों के कुल 15 विशेषज्ञ चिकित्सक चाहिए. वर्तमान में एक चिकित्सक (जैनामोड़ में प्रतिनियुक्त) हैं. विभाग में 60 पाराकर्मी चाहिए, वर्तमान में 40 पाराकर्मी तैनात हैं.
नियमानुसार कैंसर स्क्रीनिंग चिकित्सक की निगरानी में होना चाहिए. चूंकि एनसीडी विभाग में कैंसर चिकित्सक की पदस्थापना नहीं है. ए ग्रेड नर्स को प्रशिक्षित किया गया है. सदर अस्पताल में स्क्रीनिंग की जा रही है. जरूरत पड़ने पर सदर के चिकित्सक से कैंसर स्क्रीनिंग के दौरान सस्पेक्टेड मरीज को दिखाया जाता है. सरकार से एनसीडी में कैंसर चिकित्सक की मांग की गयी है.
डॉ एस मुर्मू, सिविल सर्जन, बोकारो

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