पटना : विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के अमेठी पंचायत के सुसाढ़ी गांव पहुंचे. जहां उन्होंने खुले में शौच से मुक्त हुए अमेठी पंचायत के विभिन्न पहलुओं की पूरी जानकारी ली. ओडीएफ घोषित होने वाला रोहतास जिला का यह पहला पंचायत है. अमेठी में मुख्यमंत्री ने जैविक खेती एवं बायोगैस केंद्र, वर्मी कम्पोस्ट केंद्र एवं पशु शेड, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे कार्यों के क्रियान्वयन का अवलोकन किया तथा सात निश्चय की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का स्थल निरीक्षण किया.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्वच्छता केंद्र पर स्वच्छता-ध्वज का झंडोतोलन एवं स्वच्छता अदालत की कार्यवाही का अवलोकन किया. सुसाढ़ी ग्राम में आयोजित ग्राम चौपाल मंच पर जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ भेंटकर उनका अभिनंदन किया. ग्रामवासियों ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘मिशन प्रतिष्ठा- एक सत्याग्रह’ कॉफी टेबुल बुक का विमोचन किया. ग्राम चौपाल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुसाढ़ी गांव आकर मुझे काफी प्रसन्नता हुई है और जैसा कि जिलाधिकारी ने यह जानकारी दी है कि यह पंचायत रोहतास जिला में सबसे पहले खुले में शौच से मुक्त हुआ है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नवहट्टा प्रखंड के पिपराडीह रेहल में मेरा आज का कार्यक्रम प्रस्तावित था, लेकिन मौसम की खराबी के कारण वहां जा पाना संभव नहीं हुआ. क्योंकि, हेलीकॉप्टर ऐसे मौसम में पहाड़ पर नहीं पहुंच सकता. इसलिए 22 जनवरी को रेहल का भ्रमण करने का कार्यक्रम तय हुआ है. उन्होंने कहा कि सुसाढ़ी में मैंने ओडीएफ के विभिन्न पहलुओं को देखा और यह अगस्त 2016 में ही ओडीएफ घोषित हो गया है.
सीएम ने कहा कि पूरे प्रखंड में स्वच्छता के संबंध में जन जागृति लाने की आवश्यकता है और जिलाधिकारी सहित स्वच्छता के काम में लगे मैं उन सभी लोगों को बधाई देता हूं, जिनके परिश्रम की बदौलत यह पंचायत ओडीएफ घोषित हुआ है. उन्होंने कहा कि पुरुषों की आदत है खुले में शौच करने की, लेकिन यह आदत हर किसी को बदलनी होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के साथ-साथ लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के जरिये तेजी से पूरे बिहार में शौचालय निर्माण का काम हो रहा है.
नीतीश कुमार ने कहा कि 50 के दशक में ही डॉ. राम मनोहर लोहिया ऐसे पहले राजनेता और चिंतक थे, जिन्होंने शौचालय निर्माण को लेकर आवाज बुलंद की थी. डॉ. राम मनोहर लोहिया ने स्वच्छता, पर्यावरण के साथ ही महिलाओं के कष्ट को भी समझा और उस दौर में उन्होंने यहां तक कहा कि अगर पूरे देश में महिलाओं के लिए शौचालय का निर्माण हो जाये तो वे नेहरु जी का विरोध करना बंद कर देंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शौचालय बनाने से ही सिर्फ काम नहीं चलेगा बल्कि लोगों को उसका प्रयोग भी करना होगा. उन्होंने कहा कि खुले में शौच करते वक्त पकड़े जाने पर पूरा पंचायत लगाकर यहां सुनवाई होती है ताकि लोग खुले में शौच नहीं करें. उन्होंने कहा कि सौ साल पहले बापू चंपारण आए थे और उन्होंने नीलहों के अत्याचार से वहां के किसानों को मुक्ति दिलाई थी. साथ ही चंपारणवासियों को स्वच्छता, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया. गांधी जी ने देखा कि यहां स्कूल में पढ़ाने वाला नहीं है, तब उन्होंने गुजरात और महाराष्ट्र से अपने समर्थकों को यहां के बच्चों को पढ़ाने के लिए बुलवाया.
सीएम नीतीश ने कहा कि अगर पीने का स्वच्छ जल और खुले में शौच से लोगों को मुक्ति मिल जाए तो 90 प्रतिशत बीमारियों से उन्हें छुटकारा मिल सकता है, जिसको देखते हुए हमलोगों ने हर घर नल का जल और हर घर शौचालय निर्माण का निश्चय कार्यक्रम बनाया है. तीसरे कृषि रोड मैप की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लाख 54 हजार करोड़ रुपये का निवेश करके किसानों की आमदनी बढ़ाने का हमने लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने कहा कि जिनके पास खेत हैं सिर्फ वही किसान नहीं हैं बल्कि वे सभी किसान हैं जो खेतों में काम करते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर बिजली कनेक्शन की उपलब्धता, हर घर शौचालय निर्माण, हर घर पक्की गली-नाली का निर्माण, हर घर स्वच्छ नल का जल अगर यह सभी बुनियादी सुविधाएं लोगों तक पहुंच जाये तो फिर शहर में जाने का सपना लोग नहीं देखेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसा वातावरण बन जाये कि लोग खुले में शौच करने की सोचे भी नहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि शौचालय निर्माण का काम पहले से भी होता रहा है और उसके लिए पैसे भी दिये जाते थे, लेकिन एनजीओ के माध्यम से जैसे-तैसे निर्माण का कार्य होता था. इसलिए एनजीओ के माध्यम से शौचालय निर्माण का काम बंद कर दिया गया.
नीतीश कुमार ने कहा कि यहां की निवासी फुलकुमारी ने अपना मंगलसूत्र बेचकर शौचालय का निर्माण कराया था, यह कोई साधारण बात नहीं है, जिसकी खबर हमें समाचार पत्र के माध्यम से मिली थी. आज उनसे मिलकर काफी प्रसन्नता हुई है. उन्होंने कहा कि यह सुसाढ़ी गांव स्वच्छता के मद्देनजर पूरे तौर पर सफल और कामयाब है. मुख्यमंत्री ने कहा कि रोहतास ऐतिहासिक भूमि है और मैं यहां आपको विश्वास दिलाने आया हूं कि हमलोगों की प्रतिबद्धता है न्याय के साथ विकास के साथ-साथ समाज सुधार.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर ही बिहार में शराबबंदी की गयी, लेकिन कुछ गलत धंधेबाज अभी भी इस काम में जुटे हैं और इसी जिले में जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत की घटना हुई थी, जबकि वैशाली में धंधेबाजों से दो नंबर का शराब खरीदकर पीने से 3 लोग मौत के शिकार हो गये थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के खंभे पर दो टेलीफोन नंबर लगाये गये हैं, उसे हटाकर एक टेलीफोन नंबर रहेगा, जिस पर शराब का अवैध कारोबार करने वाले एवं शराब का चोरी-छिपे सेवन करने वाले लोगों के संबंध में सूचना दी जा सकेगी, इसके लिए आईजी मद्य निषेध पद का सृजन किया गया है. सूचना देने पर एक घंटे के अंदर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी लोग सूचना देंगे, उनका नाम गोपनीय रखा जायेगा.
सीएमनीतीश ने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी कानूनन अपराध है, इसके बाद भी यह होता है. उन्होंने कहा कि कम उम्र में महिलाएं गर्भधारण करती हैं तो प्रसव के दौरान मौत की शिकार हो जाती हैंं और उनसे जो बच्चे पैदा होते हैं, वे मंदबुद्धि और बौनेपन के शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर कानून बना हुआ है फिर भी ये दोनों कुरीतियां समाज में आज भी व्याप्त हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय की अपराध के आंकड़ों को अगर देखें तो बिहार 22वें स्थान पर है, जबकि दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न के मामले में बिहार दूसरे नंबर पर है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न से अगर बिहार को छुटकारा मिल जाये तो बिहार एक आदर्श राज्य बन जायेगा और अपराध की घटनाएं भी काफी कम होंगी. उन्होंने कहा कि लोक संवाद कार्यक्रम में एक महिला आई और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाने का मुझे सुझाव दिया. इसके बाद बापू के जन्मदिवस के मौके पर 2 अक्टूबर को बाल विवाह और दहेज प्रथा इन दोनों ही कुरीतियों के खिलाफ सशक्त अभियान की शुरुआत हुई.
21 जनवरी 2017 को शराबबंदी और नशामुक्ति के समर्थन में बनी मानव श्रृंखला का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आप मन बनाइए कि कोई भी परिवार दहेज का लेन-देन करके अपने बेटे या बेटी की शादी करता है तो उस शादी समारोह में भाग नहीं लेंगे, जिस दिन आप ऐसा मन बना लीजियेगा तो समझिए कि दहेज प्रथा का खात्मा निश्चित है लेकिन इसमें परिवार, रिश्तेदार, करीबी गोतिया या मित्र जैसा कोई अपवाद नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आप ऐसा करते हैं तो दहेज का लेन-देन करने वाला अलग-थलग पड़ जायेगा और उसे डर भी होगा कि अगर हम दहेज लेंगे तो कोई हमारे यहां शादी समारोह में शिरकत नहीं करेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के बाद परिवारों की हालत में सुधार हुआ है. जो लोग अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा शराब में गंवा देते थे, अब उन पैसों का इस्तेमाल बच्चों के भरण-पोषण, उनकी पढ़ाई और पहनावे पर हो रहा है. इसके साथ ही पूरे बिहार में अमन-चैन और खुशहाली का वातावरण कायम हुआ है. उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह जब खत्म होगा तो बिहार में बहुत बड़ा परिवर्तन आयेगा. इसके लिए इस बार फिर 21 जनवरी को एक दूसरे का हाथ पकड़कर मानव श्रृंखला में अवश्य खड़ा होइएगा.
ग्राम चौपाल कार्यक्रम में मौजूद लोगों को हाथ उठाकर संकल्प दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सूर्य भगवान के समक्ष अपने हाथ उठाकर मानव श्रृंखला में शामिल होने का संकल्प लिया है. इसलिए भूलिएगा नहीं और पूरी मजबूती से 21 जनवरी को मानव श्रृंखला में शामिल होकर अपनी भावना का प्रकटीकरण कीजियेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार का काम और विकास का काम दोनों मिलकर समाज बदल देगा और बिहार अपने पुराने गौरव को हासिल करने में दोबारा कामयाब होगा.
जनसभा को कृषि मंत्री सह रोहतास जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर विधायक वशिष्ठ सिंह, पूर्व विधायक राजेश्वर राज, पूर्व सांसद महाबली सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष राधामोहन पांडेय, जदयू जिलाध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद चंद्रवंशी, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जिलाधिकारी रोहतास, पुलिस अधीक्षक रोहतास सहित अन्य वरीय अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में आमलोग उपस्थित थे.