पटना : केंद्र सरकार ने स्टेंट की कीमत तय कर दी है, ताकि मरीजों पर इसके खर्च का बोझ कम हो सके. लेकिन, राजधानी पटना में इसका ठीक उल्टा हो रहा है. सरकार के नियमों की काट अस्पतालों ने ढूंढ ली है. हकीकत यह है कि कई अस्पतालों में इलाज का खर्च बढ़ गया है. स्टेंट के प्रोसीजर के नाम पर अस्पताल मरीजों से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं और उनकी कमाई जारी है. सरकार तो फैसला लेकर किनारे हो गयी, लेकिन मरीज पहले जितना खर्च उठा रहे थे, अब भी उसमें कोई कमी नहीं आयी है.
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स्टेंट के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों में अब भी चल रहा लूट का खेल
पटना : केंद्र सरकार ने स्टेंट की कीमत तय कर दी है, ताकि मरीजों पर इसके खर्च का बोझ कम हो सके. लेकिन, राजधानी पटना में इसका ठीक उल्टा हो रहा है. सरकार के नियमों की काट अस्पतालों ने ढूंढ ली है. हकीकत यह है कि कई अस्पतालों में इलाज का खर्च बढ़ गया है. […]
सरकार ने स्टेंट का रेट 23,625 रुपये तय किया है, लेकिन अस्पताल लगा रहे डेढ़ लाख रुपये में
1.40 से 1.50 लाख रुपये में लग रहे स्टेंट
राजधानी में 12 से अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जहां हृदय रोग का इलाज हो रहा है. तीन-चार अस्पतालों को छोड़ बाकी सभी अस्पतालों के हार्ट सेंटर में एक मरीज को स्टेंट लगाने में 1.40 से 1.50 लाख रुपये देने पड़ रहे हैं. इसमें स्टेंट की कीमत सिर्फ 50 हजार 160 रुपये थी. बाकी एक लाख रुपये अन्य मदों में खर्च हुए. हाल में एक मरीज के साथ यह वाकया हुआ है. जबकि केंद्र के नये नियमानुसार स्टेंट का रेट 23,625 रुपये तय किया हुआ है. कुल खर्च 50 हजार रुपये लगना चाहिए.
रेट फिक्स करने के बाद अस्पताल में इलाज का खर्च
-कंस्लटेंसी फीस : 600 से 1000
-एंजियोप्लास्टी : 80,000
-बैलून : 14,000
-गाइड वॉयर : 12,000
-मेडिकेटेड स्टेंट : 22,160
-अन्य खर्च : 22,000
लगभग 1 लाख 50 हजार रुपये मरीजों को देने पड़ते हैं
स्टेंट के साथ इन चीजों की बढ़ा दी फीस : अस्पताल सूत्रों की मानें, तो रेट फिक्स करने के बाद ऑपरेशन, कंसल्टेंसी फीस बढ़ गयी है. एंजियोप्लास्टी और बैलून पर पहले कोई शुल्क नहीं लगता था, अब इसे भी बिल में शामिल कर दिया गया है. प्रोसीजर रेट बढ़ाये गये हैं. आज के बिल में कोई फर्क नहीं आया है. यही वजह है कि वर्तमान समय में भी करीब दो लाख रुपये स्टेंट लगाने में खर्च हो रहे हैं. इस मामले में इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एके झा ने कहा कि मामला पेचीदा है. सस्ते हेल्थ केयर के साथ-साथ क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए.
प्राइवेट अस्पतालों को मरीजों के हित का ख्याल रखना होगा. नियम बन जाने के बाद भी रेट अधिक लिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग को ध्यान देकर उन अस्पतालों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
-डॉ रत्नेश चौधरी, आईजीआईएमएस, पटना
होनी चाहिए कार्रवाई
प्राइवेट अस्पतालों को मरीजों के हित का ख्याल रखना होगा. नियम बन जाने के बाद भी रेट अधिक लिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग को ध्यान देकर उन अस्पतालों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
-डॉ रत्नेश चौधरी, आईजीआईएमएस, पटना
क्या कहते हैं अधिकारी
सरकार ने दिल में लगने वाले स्टेंट का रेट फिक्स कर दिया है. यह आदेश सभी प्राइवेट अस्पतालों को भी दे दिया गया है. वहीं अगर कोई अस्पताल इस नियम की अवहेलना करते पाया गया या फिर किसी अस्पताल के खिलाफ अगर मरीज शिकायत करेंगे, तो कार्रवाई जरूर होगी.
-डॉ पीके झा, सिविल सर्जन
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