नयी दिल्ली : कंपनियों को जरूरत के अनुसार एक खास अवधि (कान्ट्रैक्ट) के लिए कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देने के लिए सरकार ने एक मसौदा अधिसूचना जारी की है. इससे कंपनियों को जरूरत के अनुसार कर्मचारियों को काम पर रखने और काम पूरा होने के बाद निकालने की सुविधा मिल जायेगी. विभिन्न उद्योगों खासकर खाद्य प्रसंस्करण और चमड़ा क्षेत्र की मांग पर श्रम और रोजगार मंत्रालय ने फिर से उस प्रस्ताव को वापस लाया है जिसे उसने पिछले साल छोड़ दिया था.
सरकार ने अभी तक केवल कपड़ा उद्योग में ही अवधि के लिए रोजगार देने की अनुमति दी थी. हाल में ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में फुटवियर, चमड़ा तथा एक्सेसरीज क्षेत्र के कामगारों पर भी इसे लागू करने का फैसला किया था. सरकार का कहना था कि इससे भारी वैश्विक निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार सभी क्षेत्रों में यह व्यवस्था लागू कर दी गयी है.
यहां बताते चलें कि तय अवधि के लिए रोजगार के तहत कर्मचारियों को कंपनी के स्थायी कर्मचारी की तरह सभी सुविधाएं मिलती हैं. इनमें काम के बराबर घंटे, समान वेतन और भत्ते शामिल हैं. अलबत्ता नियोक्ता को ऐसे कर्मचारियों का अनुबंध खत्म होने पर नोटिस देने की जरूरत नहीं है. साथ ही इन कर्मचारियों को नौकरी से हटाये जाने पर मिलने वाले लाभ देना भी अनिवार्य नहीं है.
श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम से नियोक्ता ठेकेदार की मध्यस्थता के बिना कामगार को सीधे तय समय के लिए नौकरी पर रख सकता है. अभी यह उद्योग और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी अड़चन है. प्रस्तावित औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश), केंद्रीय (संशोधन) नियम, 2018 के अनुसार तय अवधि के लिए रोजगार वह होता है जिसके तहत कामगार को एक निश्चित अवधि के लिए नौकरी पर रखा जाता है.
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