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झारखंड : गरीब तो वापस कर देता है ऋण बड़े घराने ही नहीं लौटाते : रघुवर

नाबार्ड का स्टेट फोकस पेपर जारी. तीन हजार करोड़ के ऋण की होगी व्यवस्था रांची : नाबार्ड ने आनेवाले वित्तीय वर्ष के लिए झारखंड में प्राथमिकता वाले क्षेत्र में खर्च करने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये प्रावधान करने का आश्वासन राज्य सरकार को दिया है. नाबार्ड ने स्टेट फोकस पेपर में 2714 करोड़ रुपये […]

नाबार्ड का स्टेट फोकस पेपर जारी. तीन हजार करोड़ के ऋण की होगी व्यवस्था
रांची : नाबार्ड ने आनेवाले वित्तीय वर्ष के लिए झारखंड में प्राथमिकता वाले क्षेत्र में खर्च करने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये प्रावधान करने का आश्वासन राज्य सरकार को दिया है. नाबार्ड ने स्टेट फोकस पेपर में 2714 करोड़ रुपये प्रावधान करने की बात राज्य सरकार से कही थी. बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में मुख्यमंत्री ने नाबार्ड से राशि बढ़ाने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री के आग्रह को स्वीकार करते हुए नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुब्रत मंडल ने प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए ऋण की राशि तीन हजार करोड़ रुपये करने का आश्वासन दिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि गरीब ही ऋण वापस करते हैं. बड़े घराने के लोग पैसा वापस नहीं करते हैं. इसलिए बैंकों की प्राथमिकता गरीब-किसान होना चाहिए. सरकार इस बार के बजट में क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने के लिए काम कर रही है. पिछड़े जिलों के लिए अलग से बजट का प्रावधान होगा. इन जिलों को विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल किया जायेगा. सरकार वनोपज को उद्योग का दर्जा देगी. प्रखंड स्तर पर हाट बनाया जायेगा. यहां हस्तकरघा को प्रोत्साहन दिया जायेगा.
विकास के लिए ऋण का प्रवाह जरूरी : सीएस
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि विकास के लिए ऋण का प्रवाह होना जरूरी है. इसी से बैंक का भी विकास होता है. क्रेडिट फ्लो को मजबूत करने से अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है. लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए सरकार ने ग्रामीण इलाकों तक बैंकों का विस्तार किया है. बैंकों को ग्रामीणों को सुविधा देने के लिए तत्पर रहना चाहिए. किसानों के लिए बैंकों को संवेदनशील होना होगा.
विकास आयुक्त अमित खरे ने कहा कि संताल परगना के कई जिले आज भी सीडी रेशियो के मामले में बहुत पीछे हैं. इस कारण 25 जनवरी को दुमका में बैंकों का विशेष कैंप है. ऋण देते समय बैंकों को भी अधिक सक्रिय रहने की जरूरत है. ग्रामीण बैंक नहीं जाना चाहते हैं. कोशिश करना चाहिए कि बैंक ग्रामीणों के पास जाये.
इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुब्रत मंडल ने कहा कि नाबार्ड राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग करना चाहती है. इसलिए क्षेत्रीय स्तर पर विकास की रूपरेखा तैयार की गयी है. मौके पर मुख्यमंत्री ने स्टेट फोकस पेपर जारी किया. एरिया डेवलपमेंट स्कीम का विमोचन किया. धन्यवाद ज्ञापन एसएलबीसी के जीएम प्रह्लाद जोशी ने किया.
जनता के सुझावों के अनुरूप बन रहा बजट : सीएम
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि बजट के क्रियान्वयन में तेजी और योजनाओं का पूरा लाभ तभी संभव है, जब जनता की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा हो. जनता के सुझावों के अनुरूप बजट बनाया जा रहा है, तो इसे लागू भी जनता के सहयोग से करें. इससे राज्य के विकास में तेजी आयेगी और जन आकांक्षाओं को पूरा करने का हमारा लक्ष्य हासिल हो सकेगा. श्री दास बुधवार को झारखंड मंत्रालय में वर्ष 2018-19 के बजट तैयारी को लेकर बैठक कर रहे थे.
अति पिछड़े छह जिलों में विशेष योजनाएं चलायें
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां सामूहिकता की परंपरा रही है. इसी का लाभ उठाकर हम गांव का तेजी से विकास कर सकते हैं. गांवों में मांग के अनुरूप पुलिया बनायें. सड़कों का जाल गांव के अंदर तक पहुंचा रहे हैं, ताकि ग्रामीण अपने उत्पादन को बाजार तक आसानी से लाकर बेच सकें.
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर योजनाएं चुनें. राज्य के अति पिछड़े छह जिलों पर विशेष फोकस करें. सभी विभाग उन जिलों में विशेष योजनाएं चलायें. इस बार के बजट में रोजगार व स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करना, अनुसूचित जाति, जनजाति व कमजोर वर्गों के विकास, महिला सशक्तीकरण, पिछड़े जिलों-प्रखंडों का समेकित विकास पर जोर दिया जायेगा. साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, आधारभूत संरचना, हर घर तक बिजली पहुंचाने आदि पर भी फोकस रहेगा.
970 सुझावों को संबंधित विभागों को भेजा गया
विकास आयुक्त अमित खरे ने बताया कि सभी प्रमंडलों में बजट पूर्व संगोष्ठी, राज्य स्तरीय 20 सूत्री की बैठक, अॉनलाइन व ऑफलाइन प्राप्त कुल 970 सुझावों को संबंधित विभागों को भेजा गया है. इनमें से 38 का चयन बजट में शामिल करने के लिए किया गया है. योजनाओं में गतिशीलता लाने के उद्देश्य से छोटी-छोटी योजनाओं को अंब्रेला स्कीम में समाहित किया गया है.
बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, श्रम विभाग के अपर मुख्य सचिव डीके तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

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