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सर्विस क्लास को 14 साल बाद फिर टैक्स स्टैंडर्ड डिडेक्शन का लाभ दे सकते हैं वित्तमंत्री जी

नयी दिल्ली : वर्ष 2018 का आम बजट पेश होने में मात्र 21 दिन शेष बचे हैं. बजट को लेकरलोगों कोसरकार से बहुत से उम्मीदें होती हैं, लेकिन मध्यम वर्ग व नौकरी पेशा तबके का सबसे बड़ा ध्यानइनकम टैक्स प्रावधान को लेकर होता है, क्योंकियह सीधे तौर पर उनकी जेब को प्रभावित करता है. प्रधानमंत्री […]

नयी दिल्ली : वर्ष 2018 का आम बजट पेश होने में मात्र 21 दिन शेष बचे हैं. बजट को लेकरलोगों कोसरकार से बहुत से उम्मीदें होती हैं, लेकिन मध्यम वर्ग व नौकरी पेशा तबके का सबसे बड़ा ध्यानइनकम टैक्स प्रावधान को लेकर होता है, क्योंकियह सीधे तौर पर उनकी जेब को प्रभावित करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का वित्तमंत्री अरुण जेटली इस बार अंतिम पूर्ण बजट पेश करेंगे, जिसमें टैक्स स्लैब से लेकर गांव, किसान व इन्फ्रास्ट्रक्चर तक कई लोकलुभावन फैसले की उम्मीद जतायी जा रही है.टैक्स स्लैब में सुधार व उसे कम किये जाने के साथ एक बड़ी संभावनायह है किवित्तमंत्रीजी नौकरीपेशा तबके के लिए स्टैंडर्ड डिडेक्शन की व्यवस्था कर सकती है, जो पिछले 14 साल से बंद है.

नौकरी पेशा तबके कोटैक्स मेंदिया जाने वाला स्टैंडर्ड डिडेक्शन की व्यवस्था 2004-05 के आम बजट तक थी, लेकिन इसेबाद केबजट मेंबंद कर दिया गया. अब मध्यम वर्ग के नौकरीपेशा तबके को सरकारएक बार फिर इसका लाभदेसकती है.इसके तहत पांच लाख रुपये तक की सालाना आय वाले को 30 हजार रुपये या सैलरी का 40 प्रतिशत जो भी राशि कम हो उसेस्टैंडर्ड डिडेक्शन के रूप में दिया जा सकता है.

पांच लाख रुपये से दस लाख रुपये की सालाना आय वालों के लिए यह 20 हजार रुपये हो सकती है, जबकि 10 लाख रुपयेसेऊपर वाले के लिए यह फ्लैट होगा.इस तरह कीछूट प्राप्त करने के लिए निवेश और अन्य मद में पैसे खर्च किये जाने कोदिखाने के लिए ज्यादा कागजी प्रक्रिया पूरी करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि यह सामान्य-सी बात है मध्यम वर्ग अपनी आय में इतना हिस्सा अलग-अलग मद में खर्च करताहै. टैक्स एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसी राहत से सरकार के टैक्स कलेक्शन पर असर नहीं पड़ेगा औरइसका पॉजिटिव असर पड़ेगा.

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