लखनऊ : उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के बयान से सनसनी फैल गयी है. उन्होंने कहा है कि मदरसों में डॉक्टर और इंजीनियर नहीं, आतंकवादी तैयार किये जाते हैं. उन्होंने कहा है कि मदरसों में बम बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने ऐसे मदरसों को बंद करने की मांग की है. रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संबंध में चिट्ठी भी लिखी है.
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रिजवी ने कहा है कि मदरसों में बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों से पैसे आते हैं. कुछ आतंकवादी संगठन भी अवैध रूप से चल रहे मदरसों को फंडिंग कर रहे हैं. मुस्लिम इलाकों में ज्यादातर मदरसे सऊदी अरब के भेजे पैसे से चल रहे हैं. मदरसे के छात्र सही शिक्षा नहीं मिलने से आतंकवाद के रास्ते पर जाते हैं.
उन्होंने कहा कि शिमुली और लालगोला मुर्शिदाबाद में महिलाओं को बम बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. मदरसों के पाठ्यक्रम नौकरी देने वाले नहीं हैं. धर्मनिरपेक्ष शिक्षा प्रणाली के मुताबिक, मदरसों को स्कूलों में बदल देना चाहिए और जो रजिस्टर्ड मदरसे नहीं हैं, उन्हें तुरंत बंद कर देना चाहिए.
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हालांकि, इसके लिए रिजवी को हैदराबाद के असदुद्दीन ओवैसी की आलोचना का सामना करना पड़ा है. एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘रिजवी बहुत बड़े जोकर और मौकापरस्त इंसान हैं. उन्होंने अपनी आत्मा आरएसएस को बेच दी है. मैं इस जोकर को चुनौती देता हूं कि वह साबित करें कि शिया, सुन्नी या किसी मदरसे में ऐसी पढ़ाई होती है. अगर उनके पास सबूत है, तो उसे गृह मंत्री को दिखाएं.’
दूसरी तरफ, मदरसों पर हल्ला-हंगामे के बीचभाजपा ने साफ किया कि ऐसा कोई फैसला सरकार नहीं लेने जा रही है. रिजवी के मुताबिक, देश भर में एक लाख से ज्यादा मदरसे हैं, जिनमें कई ऐसे हैं, जो अवैध रूप से चल रहे हैं या रजिस्टर्ड भी नहीं हैं. इससे पहले भी मदरसों पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस बार फिर शिया वक्फ बोर्ड ने मदरसों को आतंकवाद से जोड़कर नया विवाद खड़ा कर दिया है.