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सांसद कोष की राशि को लेकर तनातनी

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य व दार्जिलिंग की जिला शासक (डीएम)जयशी दासगुप्ता के बीच शीतयुद्ध की शुरुआत हो गयी है. ऐसे फंड देने को लेकर दोनों पहले से ही एक दूसरे को निशाना बनाते आ रहे हैं. सिलीगुड़ी के मेयर सह विधायक ने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर कार्य करने का आरोप डीएम […]

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य व दार्जिलिंग की जिला शासक (डीएम)जयशी दासगुप्ता के बीच शीतयुद्ध की शुरुआत हो गयी है. ऐसे फंड देने को लेकर दोनों पहले से ही एक दूसरे को निशाना बनाते आ रहे हैं. सिलीगुड़ी के मेयर सह विधायक ने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर कार्य करने का आरोप डीएम पर लगाया है, जबकि डीएम ने अपने अधिकार के अनुसार जिले के नागरिकों के हित में कार्य करने की बात कही है.

मेयर अशोक भट्टाचार्य शुरू से ही राज्य सरकार पर सिलीगुड़ी नगर निगम के साथ आर्थिक असहयोग का आरोप लगाते आ रहे हैं. कुछ समय पहले उन्होंने दार्जिलिंग की जिला शासक जयशी दासगुप्ता पर निगम के विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया. मेयर ने बताया कि सिलीगुड़ी के विभिन्न विकास कार्यों के लिए उनके अनुरोध पर माकपा सांसदों ने करीब सात करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. सांसद कोष के ये रूपये अभी तक सिलीगुड़ी नगर निगम को नहीं दिये गये हैं.
वर्तमान वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है. करीब तीन करोड़ रूपये जिला शासक के पास है. मेयर से मिली जानकारी के अनुसार माकपा सांसद सीताराम येचुरी ने 1 करोड़ 59 हजार रुपये, तृणमूल के निष्कासित सांसद कुणाल घोष ने 2 करोड़ 3 लाख रुपये, कांग्रेस के प्रदीप भट्टाचार्य ने 50 लाख 27 हजार रुपये और माकपा सांसद रीतब्रत बनर्जी ने 3 करोड़ दस लाख रुपये सिलीगुड़ी नगर निगम को विभिन्न परियोजनाओं के लिए अपने सांसद कोष से दिये. ये रुपये दार्जिलिंग जिला शासक को मिल गये. उसके बाद भी दार्जिलिंग की डीएम करीब तीन करोड़ रोके बैठी हैं. सिर्फ इसी मामले को लेकर मेयर और डीएम के बीच विवाद नहीं है.
विवाद के और भी कई मामले हैं.डम्पिंग ग्राउंड में कंक्रीट रोड निर्माण को लेकर भी मेयर व डीएम के बीच विवाद बढ़ गया है. डम्पिंग ग्राउंड में कंक्रीट रोड के निर्माण के लिए रीतब्रत बनर्जी ने निगम को आर्थिक सहायता दी है. जबकि मेयर के अनुसार डीएम साहिबा ने सांसद को पत्र लिखकर सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के किसी परियोजना में आर्थिक सहायता की सलाह दी है. इस संबंध में मंगलवार को डीएम दार्जिलिंग जयशी दासगुप्ता से पूछने पर उन्होंने कहा कि डंम्पिंग ग्राउंड में कंक्रीट रोड का निर्माण करने से आमलोगों को कोई लाभ नहीं होने वाला है. इस रोड पर आमलोग मॉर्निगं वॉक करने नहीं आयेगें.
इसी वजह से सांसद से किसी अन्य योजना में फंड देन की गुजारिश की गयी है. इसके अतिरिक्त सिलीगुड़ी नगर निगम के लिए आये फंड को योजना के अनुसार जारी किया जा रहा है. निगम ने कुछ परियोजना के कागजात उपलब्ध नहीं कराये थे. कागजात मुहैया कराते ही हाल मे ही फंड जारी कर दिये गए हैं.
मेयर और डीएम के बीच शीतयुद्ध ने पकड़ा जोर
नगर निगम का तीन करोड़ रुपये दबाने का आरोप
संबंधित सांसद लोकसभा अध्यक्ष से करेंगे शिकायत
प्रिविलेज कमेटी तक मामले को पहुंचाने में लगे मेयर
मेयर अशोक भट्टाचार्य ने जिला शासक पर निशाना साधा
दूसरी तरफ मेयर अशोक भट्टाचार्य ने जिला शासक पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के किसी भी अन्य नगर निगम को आवंटित धन नहीं रोका जा रहा है. सिर्फ सिलीगुड़ी नगर निगम को राज्य सरकार सभी तरफ से आर्थिक संकट पैदा करने के लिए घेराबंदी कर रही है. डम्पिंग ग्राउंड में कंक्रीट रोड निर्माण योजना के संबंध में मेयर ने बताया कि यह परियोजना सीधे नागरिकों से ही संबंधित है. सिलीगुड़ी का सारा कचरा डम्पिंग ग्राउंड में जमा कराया जाता है. प्रतिदिन करीब 350 मेट्रिक टन कचरा वहां फेंका जाता है. डम्पिंग ग्राउंड के भीतर लॉरी जाने-आने के रोड न होने की वजह से समस्या खड़ी हो गयी है.
रोड के अभाव में कचरे को ग्राउंड के बाहर ही फेंक कर ट्रक वापस लौट रहे हैं. इसकी वजह से प्रदूषण व आस-पास के लोगों को काफी समस्या हो रही है. कचरे को डम्पिंग ग्राउंड के भीतर पहुंचाने के लिए गाड़ियों को भीतर जाना होगा. जिसके लिए कंक्रीट रोड की आवश्यकता है. श्री भट्टाटार्य ने कहा कि पहले जिला शासक ने 1 करोड़ 91 लाख 97 हजार और बीते पांच जनवरी को डेढ़ करोड़ से अधिक का फंड रिलीज किया है, फिर भी 3 करोड़ से अधिक रूपया जिला शासक के कब्जे में हैं. मेयर ने कहा कि इस मामले से सासंदो को अवगत करा दिया गया है. सांसदो के मार्फत यह मामला लोकसभा अध्यक्ष तक और फिर प्रिविलेज कमिटी तक पहुंचाया जायेगा.
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विधायकों का विकास फंड समाप्त हो गया है. अगले वित्तीय वर्ष में फंड के 60 लाख रूपये पाने के लिए सभी विधायक तैयार हैं. जबकि सिलीगुड़ी, माटीगाड़ा व फांसीदेवा के विधायकों का फंड अटकाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. वित्तीय वर्ष समाप्त होने को अब सिर्फ दो महीने बाकी हैं और अभी तक सिलीगुड़ी के विधायक को इस वर्ष का पूरा रूपया नहीं दिया गया है.

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