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दलाई लामा से मिले मुख्यमंत्री, कहा- बुद्ध का मार्ग अपनाया और न्याय के साथ किया विकास

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दलाई लामा ने रविवार को बोधगया के कालचक्र मैदान में संयुक्त रूप से साइंस एंड फिलॉस्फी इन द इंडियन बुद्धिस्ट क्लासिक‚ल्यूम वन, द फिजिकल वर्ल्ड पुस्तक का विमोचन किया. इस मौके पर दलाई लामा ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र भेंटकर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया. गया एयरपोर्ट पहुंचने पर जिला प्रशासन […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दलाई लामा ने रविवार को बोधगया के कालचक्र मैदान में संयुक्त रूप से साइंस एंड फिलॉस्फी इन द इंडियन बुद्धिस्ट क्लासिक‚ल्यूम वन, द फिजिकल वर्ल्ड पुस्तक का विमोचन किया. इस मौके पर दलाई लामा ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र भेंटकर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया. गया एयरपोर्ट पहुंचने पर जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को गार्ड अॉफ अॉनर दिया गया.

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि दलाई लामा जी से जब हमारी मुलाकात होती है, तो हमें आंतरिक प्रसन्नता होती है. उन्होंने कहा कि पिछली कालचक्र पूजा के दौरान दलाई लामा बोधगया आये थे और पुन: पधारे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिनों का जो यहां कार्यक्रम आयोजित है, उसमें दलाई लामा अपने उपदेश से लोगों को प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि बोधगया में दलाई लामा पधारे हैं, इनका हृदय से मैं स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध को इसी बोधगया में ज्ञान प्राप्त हुआ था, इससे हम सभी बिहारवासी अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा बुद्ध के बौद्ध दर्शन को पूरी दुनिया के लोगों ने अपनाया है.

आज विमोचित हुए पुस्तक की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दलाई लामा के दिशा-निर्देश में तिब्बती बौद्ध समिति द्वारा इस पुस्तक को लिखा गया है. उन्होंने कहा कि परम पावन दलाई लामा हमेशा नालंदा ट्रेडिशन की बात करते हैं और उनकी प्रेरणा से यह आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक चार खंडों में विभक्त है, जो पहले खंड में भौतिक दुनिया, दूसरे खंड में मन:विज्ञान, तीसरे और चौथे खंड में भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन की व्याख्या करता है. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के विचारों का वैज्ञानिक विश्लेषण बौद्ध दर्शन के इतिहास से उपलब्ध हुआ है और अनेक भाषाओं में अब इस पुस्तक को प्रकाशित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस साल हिंदी भाषा में इस पुस्तक का अनुवाद होना है, अगर ऐसा होता है, तो बहुत लोग बौद्ध दर्शन और उसके वैज्ञानिक स्वरूप को जान पायेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि दलाई लामा अपने उपदेशों में हमेशा कहा करते हैं कि मनुष्य का जीवन राग, द्वेष, मोह से जब मुक्त होगा, तब ही जीवन का कोई मतलब है. उन्होंने कहा कि यह जो पुस्तक प्रकाशित हुई है, यह विश्व शांति, विश्व कल्याण और विश्व बंधुत्व को एक नया आयाम देगी. साथ ही बौद्ध धर्म के धार्मिक, बौद्धिक, दार्शनिक और वैज्ञानिक आयाम से लोगों को परिचित भी करायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी पहल पर तेल्हाड़ा की खुदाई करा रही है और वहां एक नया विश्वविद्यालय उभर कर सामने आया है, जो दूसरी सदी का है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा, उदवंतपुरी और तेल्हाड़ा ज्ञान की भूमि हैं और दलाई लामा जब बिहार आते हैं, तो यह हम सबके लिए प्रेरणादायी होता है. उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास का सिद्धांत हमने अपनाया है और हम सिर्फ लोगों का ही नहीं, बल्कि पर्यावरण और जीव जंतुओं को ध्यान में रखते हुए विकास का कार्य करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार की दिशा में भी बिहार में कदम उठाये गये हैं और एक अप्रैल, 2016 से बिहार में शराबबंदी लागू की गयी है. उन्होंने कहा कि कालचक्र पूजा के बाद 21 जनवरी, 2017 को बिहार में मानव शृंखला बनी थी, जिसमें चार करोड़ लोगों ने अपनी भागीदारी देकर अपनी भावना का प्रकटीकरण किया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो कुरीतियों के खिलाफ बिहार में सशक्त अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें एक दहेज प्रथा और दूसरा बाल विवाह है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष की तरह इस साल भी 21 जनवरी रविवार के दिन पूरे बिहार में मानव शृंखला बनेगी, ताकि बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ लोगों में जागृति लायी जाये. उन्होंने कहा कि दलाई लामा की ऐसे मौके पर उपस्थिति बोधगया में हुई है, यह हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने कहा कि पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मुझे आमंत्रित किया गया, इसके लिए मैं आभार प्रकट करता हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि गया की भूमि अद्भुत है, यह भूमि ज्ञान और निर्वाण दोनों की भूमि है. मुख्यमंत्री ने कहा कि परम पावन दलाई लामा इंडियन यूथ को भी भगवान बुद्ध के वैज्ञानिक दर्शन से अवगत करा रहे हैं, यह प्रसन्नता की बात है.

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के मौके पर दलाई लामा जी ने भगवान बुद्ध की तस्वीर प्रतीक चिह्न स्वरूप मुख्यमंत्री को भेंट किया. इसके बाद मुख्यमंत्री महाबोधि मंदिर पहुंचे जहां मंदिर के गेट संख्या-2 पर शिलापट्ट का अनावरण कर मुख्य मंदिर गेट के उत्तर और पूरब बने चहारदीवारी का उद्घाटन किया. उसके बाद महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मुख्यमंत्री वज्रासन ज्ञानस्थली पहुंचे, जहां भगवान बुद्ध ने बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त की थी. मुख्यमंत्री ने बोधिवृक्ष की भी पूजा-अर्चना की. उसके बाद मेडिटेशन पार्क पहुंचे. महाबोधि मंदिर प्रांगण का भ्रमण कर मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत सारे स्ट्रक्चर यहां बेवजह हो गये हैं, इन्हें व्यवस्थित और सौंदर्यीकरण करके पुलिस और स्टोरेज का भवन एक जगह बनाया जाये. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी और महाबोद्धि मंदिर प्रबंधन समिति को निर्देश दिया.

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