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गड्ढों के कारण वाहनों का गुजरना मुश्किल
खलारी : खलारी ओवरब्रिज से गुजरने में अब डर लगने लगा है. इस पर छह-सात फीट व्यास के दो-दो फीट गहरे कई गड्ढे बन गये हैं. इस अोवरब्रिज पर कोयला ट्रकों से लेकर छोटे वाहनों तक लोड है. हर वक्त आशंका बनी रहती है कि कोई ट्रक गड्ढे के कारण करवट होकर छोटे वाहन को […]
खलारी : खलारी ओवरब्रिज से गुजरने में अब डर लगने लगा है. इस पर छह-सात फीट व्यास के दो-दो फीट गहरे कई गड्ढे बन गये हैं. इस अोवरब्रिज पर कोयला ट्रकों से लेकर छोटे वाहनों तक लोड है. हर वक्त आशंका बनी रहती है कि कोई ट्रक गड्ढे के कारण करवट होकर छोटे वाहन को चपेट में न ले ले.
इस ओवरब्रिज से होकर बीडीओ, सीओ, डीएसपी, एनके एरिया के महाप्रबंधक सहित विभागों के बड़े अधिकारियों का आना-जाना होता है. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, श्रमिक संगठनों के नेता, समाजसेवी भी अोवरब्रिज की इस हालत से अवगत हैं, लेकिन शायद सभी को किसी बड़े हादसे का इंतजार है. ब्रिज की मरम्मत किसकी जवाबदेही है, इसमें भी अंतर्विरोध है.
रेलवे लाइन के ऊपर बने इस ओवरब्रिज के रखरखाव व मरम्मत को लेकर रेलवे प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ लेता है. वहीं क्षेत्र के सबसे बड़े कोयला खनन उद्योग के अधिकारी कहते हैं कि उक्त सड़क सड़क उनकी नहीं है. राज्य के कौन से विभाग को इसकी देखभाल करनी है, इसकी जानकारी लोगों को नहीं है. लेकिन इसके हालात को झेलने वाले खलारी वासी हैं.
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