स्वच्छता की कसौटी पर कसा जायेगा नगर निगम
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सात जनवरी से शुरू होगी स्वच्छता महापरीक्षा
स्वच्छता की कसौटी पर कसा जायेगा नगर निगम सात जनवरी से शहर में होगा स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 तीन दिनों तक दो सदस्यीय केंद्र टीम लेगी जायजा वार्ड पार्षद से लेकर आम लोगों से पूछे जायेंगे सवाल 4000 अंक की होगी परीक्षा,1000 अंक लोगों के पास गत वर्ष पूर्णिया को हासिल हुआ था 281वां स्थान पूर्णिया […]
सात जनवरी से शहर में होगा स्वच्छता सर्वेक्षण 2018
तीन दिनों तक दो सदस्यीय केंद्र टीम लेगी जायजा
वार्ड पार्षद से लेकर आम लोगों से पूछे जायेंगे सवाल
4000 अंक की होगी परीक्षा,1000 अंक लोगों के पास
गत वर्ष पूर्णिया को हासिल हुआ था 281वां स्थान
पूर्णिया : यह नगर निगम और शहर वासियों की महापरीक्षा है और महापरीक्षा में यह तय होगा कि बीते एक साल में नगर निगम और शहरवासियों ने स्वच्छता का पाठ को कितना कंठस्थ किया है और उसे कार्यरूप में कितना उतार पाने में सफल साबित हुए हैं. 04 जनवरी से देश भर के 4041 नगर निकायों को स्वच्छता की कसौटी पर कसा जायेगा जिसमें पूर्णिया नगर निगम भी शामिल है. पूर्णिया में स्वच्छता महापरीक्षा 07-09 जनवरी तक आयोजित होगी.
जिसमें न केवल आम लोगों की राय ली जायेगी,बल्कि पार्षदों से भी स्वच्छता के बाबत सवाल पूछे जायेंगे. इसके अलावा स्वच्छता एप भी रैंकिंग में अहम भूमिका निभायेगा. जबकि डॉक्यूमेंटेंशन की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी. नगर निगम के लिए स्वच्छता की रैंकिंग में गत वर्ष की तुलना में बेहतर स्थान प्राप्त करना एक चुनौती होगी. ऐसे में निगम के नागरिकों की भी भूमिका अहम होगी कि महापरीक्षा से पहले वे अपने शहर की छवि बदलने के लिए कितना प्रयास करते हैं. बहरहाल निगम ने बेहतर रैंकिंग के लिए कवायद भी आरंभ कर दी है.
रैंकिंग में सुधार होगी निगम के लिए चुनौती. वर्ष 2017 में स्वच्छता रैंकिंग में पूर्णिया को 281वां स्थान प्राप्त हुआ था.उस वक्त नगर निगम के नुमाइंदे और आम लोगों को भी रैंकिंग से निराशा ही मिली थी. बीते एक वर्ष में परिस्थिति काफी बदल चुकी है. कोई शक नहीं कि साफ-सफाई के मामले में स्थिति पहले से बेहतर हुई है. अब तो डोर टू डोर कचरे का उठाव भी आरंभ हो चुका है. हालांकि शौचालय और यूरिनल की स्थिति गत वर्ष जैसी ही है.डोर टू डोर कचरा उठाव की जिम्मेदारी दो एनजीओ को दी गयी है. लेकिन दोनों एनजीओ खासकर पंच फाउंडेशन पर कचरा उठाव में उदासीनता बरते जाने की शिकायत मिलती रही है. वहीं दोनों एनजीओ द्वारा उठाये गये कचरे को रिहायशी इलाके में ही डंप किया जा रहा है और उसे जलाया भी जा रहा है. इस तरह की कार्यशैली निगम के उम्मीदों पर पानी फेर सकता है. यही हाल रहा तो रैंकिंग में सुधार निगम के लिए चुनौती हो सकती है.
4000 अंकों की होगी महापरीक्षा. मिली जानकारी अनुसार स्वच्छता महापरीक्षा के लिए कुल 4000 अंक निर्धारित हैं. इसमें 1200 अंक दो सदस्यीय सर्वेक्षण टीम के जिम्मे होगा जो अपने निरीक्षण के आधार पर अंक प्रदान करेगा. वहीं लोगों से पूछे गये सवाल पर 1000 अंक निर्धारित है. आम लोगों से जो सवाल पूछे जायेंगे. इसके बाद स्वच्छता एप डाउनलोड करने के लिए 400 अंक निर्धारित है. वहीं नगर निगम स्वच्छता के बिंदु पर जो डॉक्यूमेंटेशन करेगी, उसके लिए 1400 अंक निर्धारित किये गये हैं. डॉक्यूमेंटेशन में निगम को बिंदुबार बताना होगा कि स्वच्छता के लिए निगम द्वारा किस प्रकार के कदम उठाये जा रहे हैं. इसमें डोर टू डोर कचरा उठाव से लेकर नाला की सफाई और शौचालय तथा यूरिनल की स्थिति शामिल है. महत्वपूर्ण यह है कि अगर नगर निगम कोई गलत जानकारी देती है तो उसे नकारात्मक अंक प्रदान किये जायेंगे.
ऐसे में कैसे मिलेगी स्वच्छता सफलता
श्रीनगर हाता में बालसुधार गृह से समीप सड़क किनारे कचरे का अंबार लगा हुआ है. जाहिर है कि यहां बाहर से भी लाकर कचरा फेंका जा रहा है.समस्या यह है कि न केवल यहां कचरा फेंका जा रहा हैं,बल्कि उसमें आग भी लगा दी गयी है. इस प्रकार गंदगी जलाकर आवासीय इलाके में वातावरण को भी प्रदूषित कर रहे हैं.
शहर में डोर टू डोर कचरा उठाव हो रहा है. यह तस्वीर शहर के वर्धमान हाता की है जहां एक खाली जमीन पर कचरा फैला हुआ है.लोगों की शिकायत है कि यहां डोर टू डोर कचरा उठाने वाले एनजीओ के लोग गाहे-बगाहे ही आते हैं.यहां डस्टवीन भी उपलब्ध नहीं है .लिहाजा लोग यत्र-तत्र ही कूड़ा फेंक दिया करते हैं.
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