पुणे/मुंबई/नयी दिल्ली : भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश अांबेडकर ने बुधवार को कहा कि भीमा कोरेगांव लड़ाई के स्मृति कार्यक्रम के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में विभिन्न दलित एवं अन्य संगठनों द्वारा बुलाया गया दिनभर का महाराष्ट्र बंद वापस ले लिया गया है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य की करीब 50 फीसदी लोगों ने इस बंद में हिस्सा लिया. बंद के दौरान मुंबई, पुणे और अन्य स्थानों से सड़क जाम, आगजनी और पथराव की घटनाओं की खबरें आयीं. लेकिन, अांबेडकर ने दावा किया कि बंद शांतिपूर्ण रहा. उधर, इस हिंसा की लपट की आंच बुधवार को लोकसभा में भी महसूस की गयी.
लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र तथा महाराष्ट्र की फडणनवीस सरकार को हिंसा का जिम्मेदार बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी को घेरते हुए कहा कि जिन राज्यों में भाजपा सरकार है वहीं दंगे हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना में कट्टर हिंदुत्ववादी आरएसएस का हाथ है. खड़गे ने कहा, भाजपा दंगे फैलाकर शासन करने की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि, भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से होनी चाहिए. प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र हिंसा जैसे संवेदनशील मामलों पर प्रधानमंत्री चुप्पी साध लेते हैं, जबकि ऐसे मामलों पर जनता उनका पक्ष जानना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा कि, महाराष्ट्र जल रहा है और प्रधानमंत्री मौन साधे हुए हैं.
वहीं, सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा, कांग्रेस फूट डालो और शासन करो की राजनीति कर रही है. जबकि, मोदीजी सबका साथ सबका विकास के लिए काम कर रहे हैं और देश को साथ ले कर चलने की बात कर रहे हैं. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस आग को बुझाने के बजाय बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि देश देख रहा है और मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस की यह चाल कामयाब नहीं होगी.
गौरतलब है कि सोमवार को पुणे के पास भीमा कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में दो गुटों की हिंसा में एक शख्स की मौत हो गयी थी. इसके बाद यह हिंसा मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, अहमदनगर समेत 18 शहरों तक फैल गयी. बुधवार को महाराष्ट्र बंद के दौरान मुंबई, पुणे, ठाणे, औरंगाबाद समेत राज्य के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए. पुणे से बारामती और सतारा जिलों को जानेवाली बसों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी थी. मुंबई में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुए. प्रदर्शनकारियों ने सिटी बसों पर हमला किया, उपनगरीय लोकल सेवाओं को रोक दिया और शहर में विभिन्न स्थानों पर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया. इससे मुंबई में जनजीवन प्रभावित हो गया. दलित समुदाय के लोगों ने उपनगरीय चेंबूर, घाटकोपर, कामराज नगर, विक्रोली, दिंडोशी, कांदिवली, जोगेश्वरी, कालानगर और माहिम में प्रदर्शन किया.
सैकड़ों प्रर्दशनकारियों ने वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को अवरुद्ध करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया. शहर और उपनगरीय इलाकों में प्रदर्शनों को देखते हुए वाहनों की सुचारू आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने यातायात मार्गों में फेरबदल किया था. अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी हार्बर लाइन के गोवंडी, मानखुर्द और कुर्ला स्टेशनों पर पटरियों पर आ गये, जिसके चलते पनवेल, बेलापुर और वाशी की ओर की उपनगरीय सेवाओं को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा. सेंट्रल लाइन के ठाणे, भांडुप, कांजुर मार्ग, विक्रोली और घाटकोपर स्टेशनों पर भी इस तरह के प्रदर्शनों के कारण लोकल की सेवाएं प्रभावित हुईं.
सैकड़ों लोगों को पटरियों पर चलते हुए देखा गया. पश्चिमी लाइन पर प्रदर्शनकारियों ने नालासोपारा स्टेशन पर सेवाओं को बाधित किया. बृहन्मुंबई महानगरपालिका के अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कालानगर इलाका (बांद्रा), धारावी, कामराज नगर, संतोष नगर, दिंडोशी और हनुमान नगर इलाकों में नगर परिवहन सेवा बेस्ट की 13 बसों को नुकसान पहुंचाया. मुंबई की जानी-मानी टिफिन सेवा प्रदाता डब्बावाला ने बुधवार को अपनी सेवाएं नहीं दीं. मुंबई डब्बावाला संघ के प्रवक्ता ने बताया, क्योंकि हमारे अधिकतर ग्राहकों को कार्यालय पहुंचने में दिक्कत हो सकती है, इसलिए हमने आज अपनी सेवाओं को निलंबित रखने का निर्णय किया है.
मुंबई पुलिस ने शहर में हिंसक प्रदर्शनों को लेकरबुधवार को नौ मामले दर्ज किये. पुलिस ने बताया कि मंगलवार से 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुणे में पथराव की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर सामान्य तौर पर बंद शांतिपूर्ण रहा. एक अधिकारी ने बताया कि पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड की बसों पर पथराव किया गया. उन्होंने बताया कि अब तक 42 बसों को क्षति पहुंचायी गयी है. कुछ दलितों संगठनों ने मिलिंद एकबोटे के घर तक जुलूस निकालने का फैसला किया है. एकबोटे पर एक जनवरी को भीमा कोरेगांव में हिंसा की साजिश रचने और अत्याचार रोकथाम अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुणे पुलिस ने कहा था कि उन्हें गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ 31 दिसंबर को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान उकसानेवाले भाषण देने की शिकायत मिली है. मेवाणी और खालिद ने भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह पर पुणे के शनिवार वाडा में आयोजित कार्यक्रम एल्गार परिषद में हिस्सा लिया था.