हैदराबाद: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि चुनावी बांड संबंधीनयी योजना से चुनावी चंदे में पारदर्शिता को बढावा नहीं मिलेगा और इससे कॉरपोरेट एवं राजनीतिक दलों के बीच की साठगांठ को तोड़ने में सफलता नहीं मिलेगी. कृष्णमूर्ति ने कहा, (चुनावी चंदे को साफ-सुथरा बनाने) की दिशा में यह अग्रगामी कदम नहीं है.
यह (चुनावी बांड) धनबल की समस्या का समाधान नहीं है, इससे चंदे में पारदर्शिता की दिक्कत भी दूर नहीं होगी. उन्होंने कहा, इससे (चुनावी बांड) सार्वजनिक तौर पर पारदर्शिता नहीं बढेगी. इससे दाता और चंदा लेने वाले के बीच ही पारदर्शिता बढेगी. लोगों को फिर भी इस बात की जानकारी नहीं मिलेगी कि धन कौन दे रहा है और कितना दे रहा है. यह पारदर्शिता नहीं है. लोगों को इसकी जानकारी मिलनी चाहिए.
कृष्णमूर्ति ने कहा, इससे कॉरपोरेट और राजनीतिक दलों के बीच साठगांठ बनी रहेगी, जो नहीं चाहिए. यह अच्छी व्यवस्था नहीं है. इससे दलों में संभवत: धनबल का बोलबाला बढ़ जाएगा.