पटना : चारा घोटाला मामले में आरोपित राजद अध्यक्ष लालू यादव यादव की सजा के ऐलान से पहले न्यायिक प्रक्रिया पर टिप्पणी किये जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने राजद के तीन नेताओं पर अदालत की अवमानना का दोषी पाते हुए नोटिस जारी किया है. रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, लालू प्रसाद यादव के पुत्र व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, शिवानंद तिवारी और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को समन जारी करते हुए 23 जनवरी को अपनी सफाई पेश करने को कहा है.
इधर, राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने रांची में मीडिया कर्मियों से बातचीत में बताया कि उन्हें समन भेजे जाने की कोई जानकारी नहीं है. अगर अदालत से समन भेजा जाता है, तो उसका जवाब दिया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हम आगे की लड़ाई जारी रखेंगे.इस संबंध में मनोज झा ने कहा है कि यह चौंकानेवाला आदेश है. क्योंकि, हम में से कोई भी न्यायिक प्रक्रिया या फैसले के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलता है.
It is shocking because none of us uttered a single word against the judicial process or the judgement: Manoj Jha, RJD on being found guilty of contempt of court #FodderScam pic.twitter.com/g0cXan2mAW
— ANI (@ANI) January 3, 2018
वहीं, सरकारी वकील के मुताबिक, उक्त चारों आरोपितों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट में पेश किये गये सबूतों के आधार पर न्यायाधीश ने अदालत की अवमानना मामले में आरोप उचित समझे जाने पर तीनों आरोपितों को 23 जनवरी को समन जारी कर सफाई देने को कहा है. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद ‘जेल का फाटक टूटेगा, लालू यादव छूटेगा’ जैसी नारेबाजी की गयी थी. साथ ही मामले में आरोपित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी किये जाने के बाद पार्टी नेताओं ने जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा था कि अगर लालू जी ‘मिश्रा’ होते, तो वह भी बरी हो गये होते.