नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के शुरुआती साल 2000 में जन्में बच्चों के लिए इस नववर्ष को विशेष बताया है. मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में कहा कि जो लोग साल 2000 में जन्मे हैं, वे कल से वैध मतदाता बनना शुरू हो जायेंगे. इस साल के अपने अंतिम मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि एक जनवरी, 2018 यानी सोमवार को मेरी दृष्टि में खास दिन है. उन्होंने कहा नया वर्ष आता रहता है, लेकिन मैं कहता हूँ कि यह खास है. क्योंकि 21वीं सदी में जिन्होंने जन्म लिया है, वे एक जनवरी, 2018 से योग्य मतदाता बनना शुरू हो जायेंगे. प्रधानमंत्री ने इन्हें न्यू इंडिया वोटर्स बताते हुये भारतीय लोकतंत्र में इनका स्वागत किया.
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साथ ही, उन्होंने मतदाता बनने योग्य युवाओं से स्वयं को मतदाता के रूप में पंजीकृत कराने का आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि पूरा हिन्दुस्तान आपको 21वीं सदी के मतदाता के रूप में स्वागत करने के लिए लालायित है. आपका वोट न्यू इंडिया का आधार बनेगा. प्रधानमंत्री ने नये भारत के सपने को साकार करने के लिए देश की युवा पीढ़ी से भारत को जातिवाद, संप्रदायवाद, आतंकवाद और भ्रष्टाचार के जहर से मुक्त करने का आह्वान किया, जिससे देश गंदगी और गरीबी से मुक्त हो सके. इसके लिए उन्होंने युवाओं से नये भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए इसकी रूपरेखा खुद तय करने का आह्वान किया.
मोदी ने इस दिशा में अपना एक विचार साझा करते हुए कहा कि क्या हम भारत के हर जिले में एक छद्म संसद आयोजित कर सकते हैं. जहां 18 से 25 वर्ष के युवा, मिल-बैठकर न्यू इंडिया पर मंथन करें, रास्ते खोजें, योजनाएं बनायें. प्रधानमंत्री ने युवाओं से अपने संकल्पों को साल 2022 से पहले सिद्ध करने की अपील की. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन को जन-आंदोलन बना दिया था. मोदी ने युवाओं से कहा कि समय की मांग है कि हम भी 21वीं सदी के भव्य-दिव्य भारत के लिए एक जन-आंदोलन खड़ा करें. विकास का जन-आंदोलन. प्रगति का जन-आंदोलन. सामर्थ्यवान-शक्तिशाली भारत का जन-आंदोलन.
उन्होंने इस संकल्प की सिद्धि के लिए कहा कि वह अगले साल स्वतंत्रता दिवस के आसपास दिल्ली में एक छद्म संसद के आयोजन के इच्छुक हैं, जिसमें देश के प्रत्येक जिले से चुना गया एक युवा, इस विषय पर चर्चा करे कि कैसे अगले पांच सालों में नये भारत का निर्माण किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कौशल विकास, सृजनात्मकता और उद्यमशीलता में युवाओं के आगे आने और इनके सफल होने की जानकारी नये भारत के युवाओं को एक जगह पर कैसे मिले, इसके लिए एक ऐसी व्यवस्था खड़ी की जानी चाहिए, जिससे 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले प्रत्येक युवा को ये सभी जानकारियां इनके लाभ सहज रूप में मिल सकें.