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सावधान : हृदय रोगी हैं तो धूप निकलने पर ही टहलें, नहीं तो अा सकता है हार्ट अटैक

पटना : अभी इतनी ठंड है कि सुबह से देर रात तक सर्द हवाएं सता रही है. घर में बच्चे हों या बड़े, बुजुर्ग हों या महिलाएं सभी इससे पीड़ित हैं लेकिन यदि आप हाई ब्लड प्रेशर या फिर हृदय रोग से जूझ रहे हैं तो आपको विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. हाई ब्लड […]

पटना : अभी इतनी ठंड है कि सुबह से देर रात तक सर्द हवाएं सता रही है. घर में बच्चे हों या बड़े, बुजुर्ग हों या महिलाएं सभी इससे पीड़ित हैं लेकिन यदि आप हाई ब्लड प्रेशर या फिर हृदय रोग से जूझ रहे हैं तो आपको विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. हाई ब्लड प्रेशर के शिकार लोगों के लिए जहां ठंडी हवा दोहरी मार का कारण होती है. इससे लकवा हो सकता है वहीं यदि हृदय रोगी पर सर्द हवाओं का सितम हो जाये तो फिर हार्ट अटैक हो सकता है.

सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या गर्मियों की अपेक्षा लगभग दोगुनी हो जाती है. इस बीमारी की वजह से दिमाग की किसी रक्त नलिका में खून का जमाव हो जाता है. जिससे खून का बहाव सुचारू रूप से नहीं हो पाता. इससे उस रक्त नलिका से जुड़े शरीर के अन्य भाग काम करना बंद कर देते हैं. ब्रेन स्ट्रोक का ठंड से सीधा जुड़ाव है. सर्दियों में खून गाढ़ा हो जाता है. वहीं ठंड के मौसम में लोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए ज्यादा कैलोरी युक्त भोजन लेने लगते हैं. इससे कोलेस्ट्राल काफी तेजी से बढ़ता है. यही वजह है कि अब बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी बड़ी संख्या में ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं. ब्रेन स्ट्रोक के कुल मरीजों में 30 फीसदी ऐसे युवा हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम है. साल दर साल यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. इन युवा मरीजों में 80 फीसदी पुरुष हैं.
n अधिक ठंड में
डॉक्टर दे रहे संभल कर रहने की सलाह
n अधिक ठंड से लकवा के साथ ब्रेन स्ट्राेक भी
क्यों होता है लकवा?
लकवा का सबसे बड़ा कारण हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है. जिनको हाई ब्लड प्रेशर रहता है, उनमें लकवा होने की संभावना ज्यादा रहती है. साथ ही डायबीटिज, हाई ब्लड कोलैस्ट्रोल, हृदय रोग और मोटापा से ग्रस्त लोगों को भी स्ट्रोक का खतरा बना रहता है. बहुत ठंडी हवा के झोके से भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है.
क्या है ब्रेन स्ट्रोक?
पीएमसीएच के इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. अभिजीत सिंह के मुताबिक रक्त धमनियों में सिकुड़न या क्लॉटिंग (नलियों में वसा का जमना) के कारण मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिसे इस्कॉमिक स्ट्रोक कहते हैं. लेकिन जब मस्तिष्क के भीतर धमनियां फट जाती हैं तो इसे हैमरेजिक स्ट्रोक या ब्रेन हैमरेज कहते हैं.
सर्दी के मौसम में लकवा, हृदयाघात के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा होता है. ऐसे में खानपान से लेकर गर्म कपड़े पहनने में कोताही न बरतें.
– डॉ. अभिजीत सिंह, इमरजेंसी इंचार्ज, पीएमसीएच
n ऐसे करें बचाव
-सर्दियों में कोलेस्ट्राल, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें.
-जब मौसम काफी ठंडा हो तो घर से बाहर न निकलें, जरूरत पर ऊनी कपड़े ही पहनकर बाहर निकलें
-नियमित व्यायाम करें
-भोजन में नमक की मात्रा सीमित रखें.
n रखें विशेष ध्यान
-दिल और रक्तचाप के मरीज सुबह एकदम से ठंड में बाहर न जाएं.
-बिस्तर से उठने से पहले गर्म कपड़े पहने.
-बिस्तर से उठते समय थोड़ा व्यायाम करते हुए उठें.
-सर्दी के मौसम में सिर, हाथ पैर को पूरी तरह से ढक कर चलें, ताकि सर्द हवाएं आपके शरीर के अंदर न जा सकें.

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