पटना : सृजन घोटाले के कारण वित्तीय गड़बड़ी की महालेखाकार टीम की जांच के बाद अब वित्त विभाग की विशेष टीम नये वर्ष में पटना से आयेगी. यह टीम आठ सालों के संबंधित विभाग के योजना वाइज खर्च के तौर-तरीकों की जांच करेगी. इस कार्रवाई में वास्तविक आकलन रिपोर्ट तैयार होगी. इसके आधार पर घोटाले की राशि बढ़ी तो संबंधित विभाग प्राथमिकी दर्ज की कार्रवाई करेगा. उप विकास आयुक्त आनंद शर्मा ने बताया कि मुख्य सचिव ने पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंस में वित्त विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया था. जिला परिषद, डीआरडीए के बाद कल्याण विभाग की विशेष टीम जांच करेगी.
भागलपुर के जिला कल्याण पदाधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने मेधावृत्ति के 5000 व पोस्ट मैट्रिक के 650 लाभुक को राशि देने के लिये 10 करोड़ रुपये की राशि का रिमाइंडर शुक्रवार को फिर से भेजा गया. पूर्व में अतिरिक्त बजट की मांग की गयी थी. उन्होंने पूर्व से काटे गये 140 चेक को भी कैंसल कर दिया है. इस चेक को कैंसल करके संबंधित लाभुक से खाता नंबर मांगा जायेगा. उनके खाते में राशि जायेगी.
एसबीआइ में 9.63 करोड़ रुपये की राशि को लेकर जांच शुरू महालेखाकार की ऑडिट टीम ने कल्याण विभाग के एसबीआइ के खाते में वर्ष 2007 से 2017 तक की जांच में 9.63 करोड़ रुपये की राशि होने की रिपोर्ट दी है. खाते की राशि को लेकर जांच शुरू हो गयी है. एसबीआइ के अधिकारी भी जांच में सहयोग कर रहे हैं.
कल्याण विभाग ने पीएनबी और आइडीबीआइ के अलावा शेष 22 खातों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसको लेकर संबंधित बैंक को खाता बंद करने की चिट्ठी भेजी गयी है. इन खातों में शेष राशि को सरकार को वापस कर दिया जायेगा.
यह भी पढ़ें-
बिहार : अगलगी में एक ही परिवार के तीन लोगों की जिंदा जल कर मौत