नयी दिल्ली : मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकवादी हाफिज सईद पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की तैयारी में है. पिछले दिनों हाफिज ने एक चुनावी रैली भी की थी. इसमें भारत के लिए चौकानें वाली बात यह थी कि रैली में फिलिस्तीन के राजदूत भी शामिल थे. भारत ने फिलिस्तीन के सामने इसको लेकर कड़ी आपत्ति जतायी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से येरुसलम को इजराइल की राजधानी बताये जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र में जब मुद्दा उठा था, तब भारत ने अमेरिका का विरोध करते हुए फिलिस्तीन का साथ दिया था.
पाकिस्तान में फिलिस्तीन के राजदूत वलीद अबू अली आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करते दिखे हैं, हाफिज सईद वही आतंकी है जिसने मुंबई में हमले की पूरी साजिश रची थी. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर इस बात की निंदा की और कहा कि आखिर यूएन में सरकार को फिलिस्तीन का साथ देकर क्या मिला.
यह मुद्दा सख्ती से उठायेगा भारत
भारत ने शनिवार को कहा कि वह जमात-उद-दावा प्रमुख और 26/11 को हुए मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की इस्लामाबाद में हुई रैली में पाकिस्तान में फलस्तीनी राजदूत की मौजूदगी का मुद्दा फलस्तीन के सामने सख्ती से उठायेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कल कहा, हमने इस बाबत खबरें देखी हैं. हम नयी दिल्ली में फलस्तीनी राजदूत और फलस्तीनी अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को सख्ती से उठायेंगे.
रवीश, हाफिज सईद की रैली में फलस्तीनी राजदूत की मौजूदगी की तस्वीरों और इससे जुड़ी खबरों के बारे में पूछे गये सवालों के जवाब दे रहे थे. खबरों के मुताबिक, इस्लामाबाद में फलस्तीनी राजदूत वालिद अबु अली ने कल पाकिस्तान के रावलपिंडी में दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल की ओर से कल सुबह आयोजित एक विशाल रैली में हिस्सा लिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्लामाबाद में फलस्तीनी राजदूत वालिद अबु अली ने पाकिस्तान के रावलपिंडी में दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल की ओर से आयोजित एक रैली में हिस्सा लिया. दिफा-ए-पाकिस्तान (पाकिस्तान की रक्षा) काउंसिल पाकिस्तान में इस्लामी समूहों का एक गठबंधन है, जिसमें हाफिज का संगठन भी शामिल है. हालांकि अभीतक यह स्पष्ट नहीं है हाफिज सईद को चुनाव लड़ने दिया जायेगा या नहीं. अमेरिका ने भी हाफिज के चुनाव लड़ने क खबरों पर पाकिस्तान को लताड़ लगायी है.