सबरीमाला : भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय प्रतिबंधित 10-50 आयु वर्ग की कम से कम 260 महिलाओं को पंबा में रोका गया. मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवोस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के एक अधिकारी ने आज यह बताया. टीडीबी अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने बताया कि इन महिलाओं में कुछ केरल की, जबकि अन्य पड़ोस के तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश की हैं.
पुलिस और देवोस्वोम अधिकारियों ने नियमित गश्ती के दौरान पंबा में महिलाओं को रोका और उनके पहचान पत्र की जांच की. मासिक चक्र आयु वर्ग में आने वाली महिलाओं के सबरीमाला में पूजा करने पर प्रतिबंध है क्योंकि भगवान अयप्पा को नैष्ठिक ब्रह्मचारी माना जाता है. मंदिर में महिलाओं पर पाबंदी वाली इस परंपरा को चुनौती देने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में संविधान पीठ के समक्ष लंबित है.