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गंगा से गाद निकालने के लिए पटना से फरक्का तक हुआ हवाई सर्वे, गंगा में गाद और बाढ़ पर बैठक आज

पटना / भागलपुर : गंगा के गाद और उससे उत्पन्न बाढ़ का अध्ययन करने के लिए बनी केंद्रीय तकनीकी समिति की बैठक बुधवार को पटना में होगी. इसमें गंगा में गाद और बाढ़ पर चर्चा होगी. इसके लिए पटना से हवाई सर्वे के लिए टीम ने मंगलवार को पटना से फरक्का तक हवाई सर्वेक्षण किया. […]

पटना / भागलपुर : गंगा के गाद और उससे उत्पन्न बाढ़ का अध्ययन करने के लिए बनी केंद्रीय तकनीकी समिति की बैठक बुधवार को पटना में होगी. इसमें गंगा में गाद और बाढ़ पर चर्चा होगी. इसके लिए पटना से हवाई सर्वे के लिए टीम ने मंगलवार को पटना से फरक्का तक हवाई सर्वेक्षण किया. टीम का ठहराव भागलपुर एयरपोर्ट पर भी हुआ. गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (जीएफसीसी) के चेयरमैन अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि तीसरी बैठक के लिए तय एजेंडा के लिए गंगा में गाद का अध्ययन करने हवाई सर्वे किया जा रहा है. गंगा में गाद और बाढ़ पर दिल्ली में दो बैठक हो चुकी है.

उन्होंने बताया कि बिहार सरकार के आग्रह पर जल संसाधन की कमेटी बनी है. इसके पूर्व अध्यक्ष एबी पांडेया है. इस कमेटी का गठन चार केंद्रीय एवं पांच बिहार सरकार के कंसल्टेंसी से हुआ है. साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर एंड पीपुल्स (एसएएनडीआरपी) के कॉर्डिनेटर हिमांशु ठक्कर ने बताया कि गंगा का गाद निकाल कर गंगा में ही गिराया जा रहा है. इससे पानी का लेवल ऊपर हो रहा है और बाढ़ आ रही है. नदी के तलछट सिल्ट जमा हो गया है. साल 2013 में से ज्यादा साल 2015 में सिल्ट बढ़ा है. यह बढ़ कर साल 2017 में ज्यादा हो गया है. फरक्का के चलते पानी का गंगा में ठहराव का ठहराव हो रहा है, जिससे सिल्ट जमा हो रहा है. इसकी गहरायी से निष्पक्ष रूप से अध्ययन की जरूरत है. कमेटी अध्ययन कर रही है. उन्होंने बताया कि बिहार को फरक्का से काफी असर पहुंचा है. यह देखना है कि पहले फरक्का बैराज किस उद्दश्य से बना और अभी इसका क्या उद्देश्य रह गया है. यह कितना उपयोगी है. इससे कितना फायदा और नुकसान हो रहा है. टीम में चीफ इंजीनियर मुरलीधर सिंह व अन्य थे. मालूम हो कि सितंबर 2016 में भी गंगा के गाद का अध्ययन हवाई सर्वे से हुआ था. टीम ने बक्सर से लेकर फरक्का बैराज तक गंगा सहित अन्य नदियों का हवाई सर्वेक्षण किया था. बिहार सरकार के अधिकारियों से मिले थे. टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर केंद्र को सौंपी थी.

गंगा के तल की ऊंचाई पर सरकार गंभीर

गंगा के तल की ऊंचाई पर मौजूदा सरकार गंभीर है. साल 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की पहली बैठक में गंगा में जमे गाद की सफाई का मुद्दा उठा था. मई 2012 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने बिहार सरकार के अनुरोध पर बक्सर से भागलपुर तक गंगा क्षेत्र का सर्वेक्षण कराया गया था. राष्ट्रीय गाद नीति बनाने का अनुरोध भी सीएम और तत्कालीन जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के स्तर पर किया जा चुका है.

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