भागलपुर : वर्ष 2014 में गंगा किनारे बसे रानी दियारा के कटाव से पीड़ित 840 परिवार प्रशासन की मरहम का इंतजार कर रहे हैं. चार डिसिमल जमीन देकर पीड़ित को अन्य जगह पर बसाने का काम ‘ फाइल ‘ से आगे नहीं बढ़ पाया है. कटाव से पीड़ित परिवार जैसे-तैसे जीवन गुजर बसर करने को मजबूर हैं. बसाने वाली जमीन की अभी तक सही रिपोर्ट जिला को नहीं मिल पायी है.
जिला राजस्व शाखा ने कहलगांव के अंचल अधिकारी की आयी रिपोर्ट को दोबारा लौटा दिया. इसका कारण चार अलग-अलग फॉर्मेट में दिये रिपोर्ट में कई तरह की गलतियां थीं.
इस कारण चिह्नित जमीन के अधिग्रहण को लेकर आगे की प्रक्रिया अटक गयी है.
अंचल से रिपोर्ट आने पर आगे यह होगा : अंचल से रैयत व उनके खसरे वाइज जमीन की रिपोर्ट का पूरा प्रस्ताव भू अर्जन विभाग को जायेगा. भू अर्जन विभाग प्रस्ताव के आधार पर अधिग्रहण की प्रक्रिया को शुरू करेगा. इस प्रक्रिया का पूरा प्रोसेस होने में कम से कम छह महीने से साल भर तक का समय लग सकता है.
2014 में गंगा कटाव से विस्थापित 840 परिवार का होना है पुनर्वास
कहलगांव अनुमंडल के देवरी में चिह्नित की गयी 39 एकड़ जमीन
चार अलग-अलग फॉर्मेट में भेजी गयी रिपोर्ट फिर की गयी वापस
यह है विस्थापन का मामला
पीरपैंती प्रखंड में रानी दियारा पंचायत के गंगा किनारे का गांव धीरे-धीरे कटाव की वजह से गंगा में समाने लगा है. यहां लगातार कटाव जारी है. रानी दियारा में पिछले कई वर्षों से जल संसाधन विभाग कटाव निरोधी कार्य चल रहा है. पूर्व में कटाव को रोकने के लिए जो कार्य हुए वे सभी व्यर्थ साबित हुए हैं. यहां पर सर्वेक्षण करके ढाई साल पहले 840 परिवार चिह्नित हुए. इनमें 140 परिवार के लिए क्रय नीति के तहत 5.92 एकड़ व 700 परिवार के लिए 30.68 एकड़ जमीन की व्यवस्था करने का प्रावधान हुआ. बाद में सभी 840 परिवार के लिए 39 एकड़ रैयत जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव बना.
बसाने की चल रही कवायद
कहलगांव अनुमंडल प्रशासन ने पीरपैंती के रानी दियारा के विस्थापित 840 परिवारों को कहलगांव अंचल में शिवनारायणपुर (बुद्धुचक के पास) देउरी चिह्नित किया है. 39 एकड़ जमीन के लिये अनुमंडल से भू अर्जन का प्रस्ताव गया. इस जमीन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर 41 करोड़ 67 लाख 1398 रुपये का प्रस्ताव तैयार हुआ.