नयी दिल्ली : कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की पत्नी मशाल हुसैन मलिक ने अपने दो साल के वीजा की अवधि 2015 में पूरी होने के बाद से न तो भारत की यात्रा में कोई दिलचस्पी दिखायी है और न ही वीजा के लिए कोई अर्जी दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलार को यह जानकारी देकर मशाल के इस आरोप को खारिज किया है कि उन्हें यात्रा दस्तावेज नहीं मुहैया कराये गये.
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मीडिया की खबरों में मशाल के हवाले से कहा गया था कि भारत ने उन्हें करीब तीन साल से यासीन एवं उनके परिवार से मिलने नहीं दिया. उन्होंने यह भी कहा था कि नयी दिल्ली को उसी तरह इंसानियत वाला रवैया दिखाना चाहिए, जिस तरह कुलभूषण जाधव को उनकी मां एवं पत्नी से मिलने की इजाजत देकर पाकिस्तान ने दिखाया. गौरतलब है कि सोमवार को इस्लामाबाद में जाधव की मां और पत्नी ने उनसे मुलाकात की.
साल 2013 में मशाल को दो साल के लिए वीजा दिया गया था. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि मशाल 2014 में दो बार भारत आयी थीं और उसके बाद से उन्होंने न तो वीजा की अर्जी दी है और न ही भारत आने में कोई दिलचस्पी दिखायी है. यासीन ने 2009 में पाकिस्तानी नागरिक मशाल से शादी की थी.