भारत और श्रीलंका के बीच खेले गयी टेस्ट, एकदिवसीय मैच और टी20 श्रृंखला में भारत ने श्रीलंका को बुरी तरह परास्त किया. तीन टेस्ट मैचों के सीरीज को भारत ने 1-0 से जीता, दो मैच ड्रा रहा था. वनडे सीरीज भारत ने 2-1 से और टी20 सीरीज 3-0 से जीता. पूरे सीरीज पर गौर करें, तो भारत का प्रदर्शन हमेशा बेहतर ही रहा, धर्मशाला ओडीआई को छोड़ दें तो. हालांकि श्रीलंका का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और जानकारों ने तो यहां तक टिप्पणी कर दी कि अगर भारत दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले अभ्यास मैच खेलना चाहती थी तो उसे किसी मजबूत टीम को बुलाना चाहिए था, ऐसे अभ्यास से कोई फायदा नहीं होने वाला. फिर भी अगर यह कहा जाये कि कोई भी सीरीज बेकार नहीं होता और हर खिलाड़ी हर सीरीज में कुछ सीखता है, तो गलत नहीं होगा. भारत-श्रीलंका सीरीज में भी इससे इतर नहीं है, इस सीरीज से भी खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने को मिला है, कई ऐसी चीजें इस सीरीज में हुईं जिसके लिए सीरीज को याद किया जायेगा.
वाशिंगटन सुंदर ने डेब्यू किया
एकदिवसीय सीरीज के लिए भारतीय टीम में सिद्धार्थ कौल का चयन हुआ था, लेकिन वह डेब्यू नहीं कर सका. इसे संभवत: अच्छा नहीं माना जायेगा कि नये खिलाड़ियों को आजमाया नहीं गया, कम से कम टी20 में मौका दिया जाना चाहिए था. केवल वाशिंगटन सुंदर ही डेब्यू कर सके और हां मोहम्मद सिराज को वापसी का मौका मिला. बासिल थंपी और दीपक हुड्डा को भी मौका मिला आगे उनके भविष्य पर भी अनिश्चितता ही है.
जयदेव उनादकट ने किया अच्छा प्रदर्शन
जयदेव उनादकट ने पहले ही टी20 मैच में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी. उन्होंने भारत को मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में एक आप्शन उपलब्ध करा दिया है. वे फटाफट क्रिकेट में भारत के लिए ‘एसेट’ साबित हो सकते हैं. जयदेव ने वर्ष 2016 में जिंब्बावे के साथ डेब्यू किया था.
रोहित शर्मा एकबार फिर जागे
रोहित शर्मा इस सीरीज में पूरी तरह जागे रहे और जब वे जागते हैं, तो उनकी आक्रामकता तूफानी हो जाती है. रोहित ने एकदिवसीय क्रिकेट में डबल सेंचुरी का हैट्रिक जड़ दिया है. साथ ही उन्होंने टी20 मैच में तीव्रगति से शतक जड़ने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया.
उपल थरंगा और कुशल परेरा की बल्लेबाजी
वर्ष 2017 को श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं माना जायेगा, क्योंकि इस साल श्रीलंका ने कई सीरीज गंवाये. दक्षिण अफ्रीका ने व्हाइटवॉश किया फिर पाकिस्तान और भारत ने भी. लेकिन अच्छी बात जो श्रीलंका क्रिकेट के लिए हुई कि उपल थरंगा ने अपनी बल्लेबाजी में स्थिरता रखी और 1011 रन ओडीआई में बनाये. कुशल परेरा चैंपियंस ट्रॉफी के बाद हैमस्ट्रिंग इंज्युरी के कारण नहीं खेल पा रहे थे, लेकिन उन्होंने टी20 मैच में वापसी की और टीम के लिए आशाएं जगायी.
धौनी ने एक बार फिर साबित किया, टीम को उनकी जरूरत
इस सीरीज में धौनी के प्रदर्शन से एकबार फिर यह बात साबित हुई कि टीम उन्हें ढो नहीं रही, बल्कि वे टीम की जरूरत हैं. उनके बिना टीम धराशाई हो सकती है. धर्मशाला ओडीआई में उनका नाबाद 65 रन यादगार है. उनकी फील्डिंग और किसी भी आर्डर पर आकर बैटिंग करने की कला का कोई जवाब नहीं है.