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वरवरा राव को झारखंड बुलानेवाला संगठन प्रतिबंधित
नक्सल धारा के प्रमुख कवि हैं वरवरा राव, मजदूर संगठन समिति को िकया गया अवैध घोषित रांची : नक्सल धारा के प्रमुख कवि वरवरा राव को झारखंड बुलानेवाली संस्था मजदूर संगठन समिति को उसके गठन की तिथि से प्रतिबंधित और अवैध घोषित कर दिया गया है. गृह सचिव एसकेजी रहाटे और सरकार की प्रवक्ता निधि […]
नक्सल धारा के प्रमुख कवि हैं वरवरा राव, मजदूर संगठन समिति को िकया गया अवैध घोषित
रांची : नक्सल धारा के प्रमुख कवि वरवरा राव को झारखंड बुलानेवाली संस्था मजदूर संगठन समिति को उसके गठन की तिथि से प्रतिबंधित और अवैध घोषित कर दिया गया है.
गृह सचिव एसकेजी रहाटे और सरकार की प्रवक्ता निधि खरे नेसंयुक्त प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा : भाकपा माओवादी की मुखौटा संस्था मजदूर संगठन समिति को अपराध नियंत्रण संशोधन कानून 1908 की धारा 16 के तहत अवैध घोषित किया जाता है. इस संस्था का सदस्य बनना, चंदा लेना या संस्था से जुड़ी किसी तरह के साहित्य को रखना अपराध की श्रेणी में आयेगा.
संबंधित व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने कहा कि मजदूर संगठन समिति लेवी वसूल करने, जन अदालत लगाने, सशस्त्र दस्तों को ठहरने के लिए जगह उपलब्ध कराने जैसे कई शासन विरोधी कार्यों में संलिप्त पायी गयी है.
संस्था द्वारा नक्सलबाड़ी आंदोलन के 50 वर्ष पूरा होने पर जलसा आयोजित किया गया था. शीर्ष नक्सली नेता वरवरा राव को आमंत्रित किया. सभा करायी. इसकी वजह से शांति व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हो सकता था. उन्होंने कहा कि संगठन गिरिडीह, धनबाद व बोकारो में विशेष रूप से सक्रिय है.
इससे जुड़े कई व्यक्तियों की सूची गृह विभाग को प्राप्त हुई है. उनमें बच्चा सिंह, दामोदर तुरी, अजीत राय समेत अन्य शामिल हैं. दामोदर तुरी नक्सल गतिविधियों में शामिल होने की वजह से तामिलनाडु में जेल की सजा काट चुके हैं. संगठन से संलिप्त रहनेवाले सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
13 संगठन हो चुके हैं प्रतिबंधित : बताया कि वर्ष 2006 से अब तक राज्य सरकार द्वारा कुल 13 संगठनों को प्रतिबंधित व अवैध घोषित किया जा चुका है. क्रांतिकारी किसान समिति, नारी मुक्ति संघ, झारखंड एवन ग्रुप, क्रांतिकारी संस्कृति मंच, झारखंड टाइगर ग्रुप, तृतीय प्रस्तुति कमेटी समेत अन्य संगठन प्रतिबंधित किये जा चुके हैं. गृह सचिव श्री रहाटे ने कहा कि सरकार की उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई चल रही है. उन्होंने कहा कि उग्रवाद से लड़ाई एक सतत प्रक्रिया है. ऐसे में डेडलाइन देना मुश्किल है कि कब तक उग्रवाद का सफाया कर दिया जायेगा.
माओवादियों का संगठन बताने पर आक्रोश
मजदूर संगठन समिति को माओवादियों का संगठन बताने और उसे प्रतिबंधित करने की अनुशंसा पर समिति के महासचिव बच्चा सिंह और वशिष्ठ तिवारी ने कहा है कि मजदूर संगठन समिति झारखंड सरकार से निबंधित संस्था है. यह ट्रेड यूनियन है. डीजीपी के बयान की संगठन निंदा करती है. मजदूर संगठन की बढ़ते लोकप्रियता को देख डीजीपी घबरा गये हैं. इसलिए वे मजदूर संगठन समिति को माओवादियों का संगठन बता रहे हैं. इसका हर स्तर से विरोध किया जायेगा.
डीजीपी के बयान पर पलटवार
डीजीपी द्वारा मजदूर संगठन समिति झारखंड का संचालक बताये जाने पर विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के संयोजक दामोदर तुरी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि डीजीपी द्वारा 2008 में जिस फर्जी मुकदमा के तहत गिरफ्तारी की बात कही जा रही है, उसमें 19 दिसंबर 2017 को न्यायिक जज रांची की कोर्ट से बाइज्जत बरी हो चुका हूं.
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